एड्स वैक्सीन दिवस 2025 (सौ. सोशल मीडिया)
World AIDS Vaccine Day: आज दुनियाभर में विश्व एड्स वैक्सीन डे मनाया जा रहा है यह दिन वैक्सीन के निर्माण को बढ़ावा देने का उद्देश्य देता है। एचआईवी वायरस जेनेटिकली खुद को बदल लेता है यानि म्यूटेशन इस वायरस में होता है। एचआईवी वायरस से फैलने वाली बीमारी एड्स के लिए वैक्सीन बनाने की तैयारी तेज है तो वहीं पर एचआईवी वायरस लॉन्ग टर्म में भी व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
दुनियाभर में 18 मई को वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे मनाने की शुरुआत की थी। एड्स वैक्सीन के प्रति लोगों को जागरूक करने की जरूरत को देखते हुए विश्व के ज्यादातर देशों में यह मनाया जाने लगा। भारत में भी हर वर्ष एचआईवी वैक्सीन जागरूकता दिवस या एचआईवी वैक्सीन डे मनाया जाता है। एड्स की बीमारी का खतरा जीवन भर पीड़ित के साथ रहता है। टीके की महत्ता और इस दिशा में लगे वैज्ञानिकों के कार्यों की महत्ता से आम लोगों को अवगत कराने के लिए भी वर्ल्ड एड्स वैक्सीन डे मनाया जा रहा है। एचआईवी वायरस लॉन्ग टर्म में भी व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
आपको बताते चलें कि, एड्स की बीमारी की वजह से पीड़ित व्यक्ति की सेहत को जीवन भर इस तरह के साइड इफेक्ट्स देखने के लिए मिलते है।
1- एड्स एक खतरनाक बीमारी में से एक है जहां पर यह नर्वस सिस्टम को प्रभावित करने का काम करता है। एचआईवी से जुड़े तंत्रिका संबंधी विकार जैसे संज्ञानात्मक हानि (cognitive loss), मेमोरी प्रॉब्लम (memory) और एकाग्रता में कठिनाई का कारण बन सकते हैं।
2- एड्स जैसी बीमारी की वजह से व्यक्ति का शरीर कमजोर हो जाता है इस स्थिति में इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है। एड्स की बीमारी की वजह से व्यक्ति समय के साथ संक्रमणों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। इसके कारण निमोनिया, टीबी, कैंडिडिआसिस जैसे संक्रमण सामने आते है।
3- एड्स होने की स्थिति में कई सिंड्रोम सामने आते है इसमें वेस्टिंग सिंड्रोम, कैशेक्सिया का नाम सामने आता है। इन सिंड्रोम की वजह से वजन, मांसपेशियों और शरीर की ताकत में कमी आती है। इस समस्या में पीड़ित व्यक्ति कमजोरी , थकान और समग्र स्वास्थ्य में गिरावट नजर आते है।
4- एड्स की समस्या की वजह कैंसर का खतरा भी पनपता है। यहां पर कपोसी का सरकोमा, गैर-हॉजकिन लिंफोमा और इनवेसिव सर्वाइकल कैंसर शामिल हैं।
5- एड्स की समस्या की वजह से दिल का दौरा, दिल के स्ट्रोक जैसा खतरा नजर आता है। इसके अलावा पुरानी सूजन, एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी के दुष्प्रभाव और खराब जीवनशैली की कठिनाई सामने आती है।
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6-इस एड्स की बीमारी में व्यक्ति को एचआईवी से जुड़ी नेफ्रोपैथी किडनी की बीमारी सबसे ज्यादा देखने के लिए मिलती है। यहां पर किडनी की वजह से गुर्दे को नुकसान होता है कई बार कार्यप्रणाली भी प्रभावित हो जाती है।
7- एड्स की वजह से व्यक्ति के मेंटल हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। एड्स से ग्रस्त व्यक्तियों में अवसाद , चिंता और अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याएं देखने के लिए मिलती है।