सुशील कुमार(फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी के छत्रसाल स्टेडियम में पूर्व जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियन सागर धनखड़ की हत्या से संबंधित मामले में पहलवान सुशील कुमार को मंगलवार को जमानत दे दी। न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने कुमार को राहत प्रदान की और 50,000 रुपये का निजी मुचलका और इतनी ही राशि की दो जमानतें भरने का निर्देश दिया।
सुशील कुमार और अन्य पर मई 2021 में कथित संपत्ति विवाद को लेकर धनखड़ पर जानलेवा हमला करने का आरोप है। इस हमले में धनखड़ के दो दोस्त भी घायल हो गए थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, धनखड़ के मस्तिष्क को किसी वस्तु के प्रहार से चोट पहुंची थी।
सुशील कुमार की ओर से पेश वकील आर एस मलिक और सुमित शौकीन ने कहा कि कुमार पिछले साढ़े तीन साल से जेल में हैं और अभियोजन पक्ष ने 200 गवाहों का हवाला दिया है, जबकि अब तक केवल 31 की ही गवाही हुई है। अभियोजन पक्ष ने जहां इस याचिका का विरोध किया, वहीं मलिक ने दलील दी कि मुकदमा पूरा होने में लंबा समय लगेगा और कुमार को देरी के आधार पर राहत दी जानी चाहिए।
सुशील कुमार को मई 2021 में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें घुटने की सर्जरी के लिए एक सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई थी। अक्टूबर 2022 में निचली अदालत ने कुमार के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के अलावा हत्या, आपराधिक साजिश, धमकाने और घातक हथियार से हमला करने सहित अपराधों में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत आरोप तय किए। निचली अदालत ने कहा था कि धनखड़ को अगवा कर स्टेडियम में लाए जाने के बाद कई आरोपियों ने बेसबॉल और हॉकी स्टिक से उन पर बुरी तरह हमला किया था।
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हरियाणा निवासी सुशील कुमार भारती फ्री स्टाइन कुश्ती खेलते थे। उन्होंने 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक, 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर लगातार दो ओलम्पिक मुकाबलों में व्यक्तिगत पदक जीतने वाले पहले भारतीय पहलवान बने थे।