रेने जोशिल्डा नाम की महिला ने देश के 12 राज्यों में बम धमाकों की ईमेल से फर्जी धमकियां भेजीं (फोटो- सोशल मीडिया)
अहमदाबाद: गुजरात के अहमदाबाद में बम धमाकों की झूठी धमकियों के पीछे की कहानी ने सबको हैरान कर दिया है। देशभर में दहशत फैलाने वाली धमकियों की जड़ें एक महिला की टूटी मोहब्बत और बदले की भावना में मिलीं। चेन्नई की एक मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर कंसल्टेंट के पद पर काम करने वाली रेने जोशिल्डा नाम की महिला ने देश के 12 राज्यों में बम धमाकों की ईमेल से फर्जी धमकियां भेजीं, जिनका मकसद अपने पुराने प्रेमी से बदला लेना था।
जांच में सामने आया कि जोशिल्डा तकनीक में काफी दक्ष थी और उसने डिजिटल पहचान छिपाने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, फर्जी ईमेल आईडी, वर्चुअल नंबर और डार्क वेब का इस्तेमाल किया। उसने नरेंद्र मोदी स्टेडियम, बीजे मेडिकल कॉलेज और अहमदाबाद के कई स्कूलों सहित अन्य राज्यों में भी बम धमाकों की झूठी धमकियां भेजीं। पुलिस को शक था कि ये किसी बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा हो सकता है, लेकिन सच्चाई जानकर जांच अधिकारी भी चौंक गए।
प्यार में मिली ठोकर बनी अपराध की वजह
अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के अनुसार, जोशिल्डा चेन्नई में इंजीनियरिंग और रोबोटिक्स की पढ़ाई कर चुकी है और साइबर सुरक्षा में निपुण है। वह दिविज प्रभाकर नामक युवक से प्रेम करती थी, लेकिन जब दिविज ने किसी और लड़की से शादी कर ली, तो उसने बदला लेने की योजना बनाई। उसने दिविज को फंसाने के लिए उसी के नाम से फर्जी ईमेल आईडी बनाईं और धमकियां भेजीं।
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पुलिस को मिली तकनीकी चूक से सफलता
ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर (क्राइम) शरद सिंघल के मुताबिक, जोशिल्डा अपने डिजिटल ट्रेल को लगातार मिटा रही थी, लेकिन एक छोटी तकनीकी गलती से पुलिस उस तक पहुंच गई। 3 जून को अहमदाबाद के एक स्कूल को मिली धमकी भरी मेल से जांच की शुरुआत हुई। इसके बाद पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य जुटाकर चेन्नई में रेड कर महिला को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, यह मामला साइबर अपराध, आतंक फैलाने की साजिश और देश की सुरक्षा को खतरे में डालने जैसे गंभीर अपराधों के अंतर्गत दर्ज किया गया है। ये मामला इस बात का एक उदाहरण है कि व्यक्तिगत भावनाएं कैसे तकनीक के माध्यम से समाज के लिए खतरा बन सकती हैं।