रतन टाटा, फोटो: सोशल मीडिया
Ahmedabad Plane Crash: अमेरिकी अटॉर्नी माइक एंड्रयूज, जो 65 पीड़ित परिवारों की ओर से मामला लड़ रहे हैं, ने रविवार को इस देरी पर नाराजगी जताई और कहा कि अगर टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा जीवित होते, तो यह स्थिति नहीं बनती।
एंड्रयूज ने कहा कि रतन टाटा अपने कर्मचारियों और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदनशील रहते थे और मुआवजे में कभी देरी नहीं करते थे। उन्होंने कहा, “अगर वह आज जीवित होते, तो AI171 प्लेन क्रैश के पीड़ितों को इतना संघर्ष नहीं करना पड़ता।” उन्होंने रतन टाटा की कार्यशैली, विनम्र स्वभाव और कर्मचारियों की देखभाल करने की आदत को याद करते हुए कहा कि अमेरिका में भी लोग उनके इन गुणों को जानते हैं।
उन्होंने एक पीड़ित परिवार की व्यथा भी शेयर की, “हम एक बुजुर्ग मां से मिले, जो बिस्तर पर पड़ी हैं और अपनी देखभाल के लिए बेटे पर निर्भर थीं। लेकिन हादसे में उनका बेटा गुजर गया। अब मुआवजा न मिलने के कारण वह बेहद परेशान हैं।”
एअर इंडिया ने हादसे के बाद प्रत्येक मृतक के परिवार को 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी। बाद में 25 लाख रुपये अतिरिक्त देने का भी एलान किया गया। 26 जुलाई को कंपनी ने 26 लाख रुपये की शुरुआती राशि जारी की, जो 229 यात्रियों के 147 परिवारों तक पहुंचाई गई। लेकिन घोषित 1 करोड़ रुपये की पूरी राशि अब भी लंबित है।
#WATCH | Ahmedabad, Gujarat | Mike Andrews, lead lawyer for AI171 crash, representing over 65 victim families, says, “We want to know the truth, we want transparency and exactly what happened. These families want to know and they deserve the respect to know what happened to their… pic.twitter.com/qzd1I5FFxP
— ANI (@ANI) August 10, 2025
अहमदाबाद विमान हादसा बेहद भीषण था। विमान में सवार 12 केबिन क्रू समेत 241 यात्रियों की मौत हो गई थी। सिर्फ एक यात्री ही जिंदा बचा। इसके अलावा विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के मेस से टकराया, जहां मौजूद कई लोग भी मारे गए। इस तरह कुल मृतकों की संख्या लगभग 260 तक पहुंच गई।
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एंड्रयूज ने कहा कि मौजूदा नौकरशाही प्रक्रियाएं मुआवजे में अनावश्यक देरी कर रही हैं। “यदि रतन टाटा आज होते, तो पीड़ित परिवारों और कर्मचारियों को इतनी लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती। हमें विश्वास है कि वह सुनिश्चित करते कि विमान में मौजूद और जमीन पर प्रभावित सभी लोगों को समय पर राहत मिले,” उन्होंने कहा। पीड़ित परिवार अब भी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि एअर इंडिया जल्द से जल्द शेष मुआवजा राशि जारी करे, ताकि वे अपने जीवन को फिर से संभाल सकें।