शाहरुख खान, अल्लू अर्जुन और विजय देवरकोंडा (फोटो- सोशल मीडिया)
मुंबई: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों में एक बार फिर तल्खी भर दी है। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 26 भारतीय पर्यटकों की बेरहमी से गोलीबारी में मौत हो गई थी। इस भयावह घटना के बाद देशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई है, और लोग आतंकियों को कड़ा जवाब देने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर विरोध की लहर के साथ ही कई शहरों में कैंडल मार्च भी निकाले जा रहे हैं।
इस हमले के जवाब में भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों, कलाकारों और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को भारत में प्रतिबंधित कर दिया है। इनमें समा टीवी, ऐरी न्यूज, डॉन न्यूज और जियो न्यूज जैसे प्रमुख चैनल शामिल हैं, जिन पर भारत विरोधी और भ्रामक सामग्री फैलाने का आरोप लगाया गया है।
भारत के इस निर्णय के जवाब में, अब पाकिस्तान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (PBA) ने घोषणा की है कि अब देश के किसी भी रेडियो स्टेशन पर भारतीय गाने नहीं बजाए जाएंगे। यह निर्णय 1 मई को आधिकारिक रूप से घोषित किया गया। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अतुल्लाह तरार ने पीबीए के इस फैसले की सराहना करते हुए इसे राष्ट्रीय एकजुटता की मिसाल बताया है।
उन्होंने पीबीए को लिखे अपने पत्र में कहा कि यह निर्णय हमारी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा करता है और ऐसे मुश्किल समय में एकता और देशभक्ति को बढ़ावा देता है। यह निर्णय पाकिस्तान में लता मंगेशकर, मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, अरिजीत सिंह और श्रेया घोषाल जैसे दिग्गज गायकों की लोकप्रियता के बावजूद लिया गया है। दशकों से भारतीय संगीत वहां की जनता के बीच बेहद पसंद किया जाता रहा है, लेकिन अब यह सांस्कृतिक सेतु भी टूटता दिख रहा है।
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पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के बीच ‘कोल्ड वॉर’ जैसे हालात बन चुके हैं, जिसमें सांस्कृतिक और मीडिया स्तर पर एक-दूसरे के खिलाफ लगातार फैसले लिए जा रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस टकराव का असर केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे दोनों देशों के बीच संवाद की संभावनाएं और सीमित हो सकती हैं।