सुनील ग्रोवर (फोटो-सोशल मीडिया)
Sunil Grover Birthday: कॉमेडी की दुनिया में एक खास नाम बन चुके सुनील ग्रोवर की सफलता की कहानी सिर्फ कॉमेडी नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य और आत्मविश्वास की मिसाल है। आज वो डॉ. मशहूर गुलाटी, गुत्थी और रिंकू भाभी जैसे अनगिनत यादगार किरदारों से लाखों लोगों को हंसाते हैं, लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने का सफर बेहद मुश्किलों से भरा था।
हरियाणा के सिरसा जिले के एक छोटे से कस्बे में 3 अगस्त 1977 को सुनील ग्रोवर का जन्म हुआ। सुनील ग्रोवर आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। सुनील को बचपन से ही एक्टिंग का जुनून था। शाहरुख और अमिताभ की फिल्में देखकर वो खुद को पर्दे पर देखने का सपना देखते थे। पंजाब यूनिवर्सिटी से थिएटर में मास्टर्स करने के दौरान उन्हें कॉमेडी लीजेंड जसपाल भट्टी का साथ मिला, जिन्होंने उन्हें शुरुआती काम दिया।
बॉलीवुड में 1998 में ‘प्यार तो होना ही था’ से एंट्री करने के बावजूद उन्हें तुरंत पहचान नहीं मिली। मुंबई आकर उन्होंने खुद पर भरोसा रखते हुए पॉश इलाके में किराए पर घर लिया, जबकि उनके पास सिर्फ इवेंट्स और वॉयसओवर से मिलने वाले 500 रुपये हुआ करते थे। कई बार ऑडिशन में सिलेक्ट होने के बाद भी आखिरी समय में उन्हें निकाल दिया गया। एक बार तो सेट पर देर से पहुंचने के चलते प्रोड्यूसर ने उन्हें फायर कर दिया।
सुनील ने इसके बाद रेडियो की दुनिया में कदम रखा। ‘हंसी के फव्वारे’ नाम का शो सुपरहिट हुआ और लोगों ने ‘सूद’ नाम के किरदार को खूब पसंद किया। यहीं से उनकी किस्मत बदलने लगी। इसके बाद टीवी पर उन्होंने छोटे-छोटे किरदार किए, लेकिन असली पहचान ‘कॉमेडी नाइट्स विद कपिल’ में ‘गुत्थी’ के रोल से मिली। इसके बाद ‘डॉ. गुलाटी’ और ‘रिंकू भाभी’ जैसे किरदारों ने उन्हें देशभर में मशहूर कर दिया। हालांकि बाद में कपिल शर्मा से विवाद हुआ और उन्होंने शो छोड़ दिया, फिर भी उनकी लोकप्रियता बरकरार रही।
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सुनील ने फिल्मों में भी नाम कमाया। ‘गब्बर इज बैक’, ‘बागी’, ‘भारत’, ‘जवान’ जैसी फिल्मों में उन्होंने अहम किरदार निभाए। वेब सीरीज ‘तांडव’ और ‘सनफ्लावर’ में उनका अभिनय काफी सराहा गया। सुनील ग्रोवर की कहानी हमें बताती है कि असफलता ही सफलता का पहला कदम है। अगर हिम्मत और मेहनत न छोड़ी जाए, तो हर सपना हकीकत बन सकता है।