राजपाल यादव का नेपोटिज्म पर बयान
मुंबई: बॉलीवुड में नेपोटिज्म पर लंबे समय से गरमागरम बहस चल रहा है। अभिनेता राजपाल यादव ने हाल ही में इस मुद्दे पर बात की और कहा कि अभिनेताओं की सफलता उनकी प्रतिभा पर निर्भर करती है। एएनआई के साथ एक इंटरव्यू में, राजपाल यादव ने कहा कि कनेक्शन के कारण बॉलीवुड में शुरुआती ब्रेक मिलना संभव हो सकता है, लेकिन सफलता अंतर्निहित प्रतिभा और दर्शकों की प्रतिक्रिया पर निर्भर करती है।
राजपाल यादव ने कहा कि बॉलीवुड में कोई नेपोटिज्म नहीं है। मैं बहुत ईमानदारी से बोलना चाहता हूं। नेपोटिज्म अगर होता तो शाहरुख खान साहब कैसे होते, राजपाल यादव साहब कैसे होते, परेश रावल साहब कैसे होते, अनुपम खेर साहब कैसे होते, अक्षय कुमार साहब कैसे होते, जॉनी लीवर साहब कैसे होते, संजीव कुमार साहब कैसे होते, राजेश खन्ना साहब कैसे होते, धर्मेंद्र साहब कैसे होते।
राजपाल यादव ने आगे कहा कि मेरे परिवार में किसी ने भी मुझे बॉलीवुड या थिएटर से जुड़ने के लिए नहीं कहा, मेरे खुद मेरे मन में आया और मैंने अपने बच्चों से भी कहा। कोई भी खेल में और सिनेमा में कोई का जीवन नहीं बन सकता, तो हमारे अंदर का जो बैठा हुआ एक सच्चा और अच्छा इंसान है अगर वो आपको बोलता है तो आप ऐसा करने में सक्षम हैं तो फिर आप करो नहीं तो मैं धक्का दे सकता हूं पर धक्के के बाद जो पटखनी खाओगे उसको मैं भी नहीं बचा सकता।
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उन्होंने बताया कि शुरुआत में अपने माता-पिता की वजह से अवसर मिलना संभव है लेकिन यह सफलता की कोई गारंटी नहीं है। अगर आप खिलाड़ी हैं तो आपके बच्चे को खेलने का मौका मिलेगा। इसी तरह अगर कोई व्यक्ति 30 साल से फिल्म या टेलीविजन कर रहा है, तो उसका बच्चा, उसे पता होना चाहिए कि मेरे पिता क्या करते हैं। इसलिए, वह फिल्म निर्माण सीखेगा लेकिन वो चलेगा कि नहीं चलेगा कर पाएगा कि नहीं कर पाएगा वो ऊर्जा है या नहीं है वो तय करता है या तो ऊपरवाला या दर्शक, नेपोटिज्म नहीं है।