राजेश खन्ना और अनिल कपूर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Anil Kapoor Mr. India: बॉलीवुड में अक्सर फिल्मों की किस्मत उनके कलाकारों से जुड़ी होती है। कभी-कभी जो फिल्में एक अभिनेता ठुकरा देता है, वही किसी दूसरे के करियर की मील का पत्थर बन जाती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ 1987 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ के साथ। यह फिल्म आज भी क्लासिक मानी जाती है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इसकी पहली पसंद अनिल कपूर नहीं बल्कि सुपरस्टार राजेश खन्ना थे।
राजेश खन्ना ने हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार कहा जाता है, अपने करियर में लगातार 17 हिट फिल्मों का रिकॉर्ड बना चुके थे। 80 के दशक में जब निर्माता बोनी कपूर और निर्देशक शेखर कपूर ‘मिस्टर इंडिया’ पर काम कर रहे थे, तब इस फिल्म की कहानी सलीम-जावेद ने खास तौर पर राजेश खन्ना के लिए लिखी थी। फिल्म का कॉन्सेप्ट एक आम आदमी का था जो एक खास घड़ी के जरिए अदृश्य हो सकता है और समाज के दुश्मनों से लड़ता है।
लेकिन जब ये कहानी राजेश खन्ना को सुनाई गई, तो उन्होंने इस पर खास रुचि नहीं दिखाई। उनका मानना था कि दर्शकों को एक ऐसे हीरो से कैसे जुड़ाव होगा जो आधा समय पर्दे पर ही नहीं होगा। इसी सोच के चलते उन्होंने यह फिल्म रिजेक्ट कर दी। इसके बाद यह स्क्रिप्ट अमिताभ बच्चन के पास गई, लेकिन उन्होंने भी लगभग यही कारण बताते हुए फिल्म करने से मना कर दिया। अंततः ये रोल अनिल कपूर के पास पहुंचा और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया।
फिल्म में अनिल कपूर के साथ श्रीदेवी थीं, जिनकी कैमिस्ट्री को खूब सराहा गया। अमरीश पुरी के ‘मोगैम्बो’ वाले किरदार ने भी फिल्म को कालजयी बना दिया। महज 2 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने करीब 10 करोड़ रुपये की कमाई की और बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई। आज भी जब ‘मिस्टर इंडिया’ की बात होती है तो लोग अनिल कपूर और श्रीदेवी की शानदार परफॉर्मेंस को याद करते हैं। लेकिन यह जानकर हैरानी होती है कि अगर राजेश खन्ना या अमिताभ बच्चन फिल्म के लिए हामी भर देते, तो शायद ये फिल्म और इसका इतिहास कुछ और होता।
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मिस्टर इंडिया 1987 में रिलीज हुई एक सुपरहीरो फिल्म है, जिसे शेखर कपूर ने निर्देशित किया था और सलिम‑जावेद ने इसका पटकथा लेखन किया था। इस फिल्म में अनिल कपूर अरुण वर्मा की भूमिका में हैं, जो एक दयालु मध्यम वर्गीय व्यक्ति हैं। वह दस अनाथ बच्चों की देखभाल करते हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के बीच एक समुद्र के किनारे पुराने मकान में रहते हैं जहाँ किराया देना मुश्किल हो जाता है।