शत्रुघ्न कुमार यादव कैसे बना खेसारी लाल
Shatrughan Kumar Yadav: खेसारी लाल को भोजपुरी का सुपरस्टार कहा जाता है। 15 मार्च 1986 में उनका जन्म हुआ था। वह अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं। लेकिन फिल्मों में आने के पहले खेसारी लाल ने कड़ा संघर्ष किया है। उन्हें ठेला लगाना पड़ा, दूध बेचना पड़ा, चलिए जानते हैं उनके संघर्ष की कहानी कैसी थी। खेसारी लाल यादव का जन्म बिहार के छपरा जिले में हुआ। रसूलपुर चट्टी धनाड़ी गांव में पैदा हुए खेसारी का नाम पहले शत्रुघन कुमार यादव रखा गया था। फिल्मों में आने से पहले उन्होंने अपना नाम खेसारी लाल कर लिया था जिसके बाद अब वो इसी नाम से पहचाने जाते हैं।
खेसारी लाल का बचपन बेहद गरीबी में बीता है। खेसारी लाल के पिता दिन में चने बेचते थे और रात में सिक्योरिटी की नौकरी करते थे। खेसारी ने अपना बचपन मिट्टी के कच्चे घर में बिताया। खुद खेसारी लाल ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान बताया है कि बचपन में कई बार ऐसे मौके भी आए कि जब उनके घर में खाने के लिए खाना नहीं होता था। खेसारी जैसे-जैसे बड़े होते गए उन्होंने अपने पिता की मदद करने का प्लान बनाया।
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घर का भार उठाने में पिता का हाथ बटाने को निकले खेसारी लाल को दूध बेचना पड़ा, कुछ समय बाद सेना में उनकी नौकरी लग गई। वहां उनका मन नहीं लगा। तो खेसारी लाल यादव ने सेना की नौकरी छोड़ दी। क्योंकि खेसारी लाल यादव सिंगर बनना चाहते थे। फिर वह दिल्ली चले गए और वहां भी तंग का काम नहीं मिला तो उन्होंने पत्नी चंदा देवी के साथ लिट्टी चोखा का ठेला लगाया। लेकिन इस दौरान वह अपने खुद के गाने को रिकॉर्ड कर कैसेट बनाया करते थे और उसे दुकान-दुकान पर जाकर खुद बेचते थे। कई दुकानों पर उन्हें आलोचना भी सुननी पड़ी, गलियां भी सुनने को मिल लेकिन वह लगातार प्रयास करते रहे, उनका प्रयास रंग लाया, इसी बीच उन्हें फिल्म का ऑफर मिला। उसके बाद खेसारी लाल यादव ने जिंदगी में पीछे मुड़कर नहीं देखा।