मराठी फिल्म खालिद का शिवाजी रिलीज होने से पहले ही विवादों में फंसती दिख रही है
Demand To Ban Khalid Ka Shivaji: खालिद का शिवाजी एक मराठी फिल्म है, जो महाराष्ट्र में 8 अगस्त को रिलीज होने वाली है। लेकिन फिल्म के रिलीज होने से पहले फिल्म को लेकर विवाद गहराता नजर आ रहा है। दरअसल मुंबई और अन्य शहरों के हिंदू संगठनों ने फिल्म को लेकर यह आरोप लगाया है कि फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज के इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है?
फिल्म खालिद का शिवाजी को लेकर गहराते विवाद पर अब राजनीतिक बहस भी तूल पकड़ती दिखाई दे रही है। फिल्म के निर्माताओं का मानना है कि यह नए दृष्टिकोण से इतिहास को पेश करने का प्रयास है, तो वहीं दूसरी तरफ हिंदू संगठन का कहना है कि यह फिल्म ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ कर रही है और लोगों की भावना को आहत कर रही है।
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खालिद का शिवाजी फिल्म की कहानी एक मुस्लिम लड़की की कहानी है, जो अपने जीवन के अनुभवों के जरिए छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में सीखता है, फिल्म मेकर्स का यह मानना है कि उन्होंने फिल्म में इतिहास को एक अलग नजरिए से दिखाने का प्रयास किया है, लेकिन उनका यही प्रयास विवादों का कारण बन गया है।
खालिद का शिवाजी फिल्म का निर्देशन राज मोरे ने किया है। इस फिल्म को लेकर हिंदू महासंघ का यह दावा है कि इस फिल्म के जरिए इतिहास को तोड़ मरोड़ कर पेश करने की कोशिश की गई है। छत्रपति शिवाजी महाराज से जुड़े ऐतिहासिक तथ्यों के साथ खिलवाड़ किया गया है। इस वजह से हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत हो रही है और यह स्वीकार्य नहीं है।
मुंबई के संगठन के अलावा पुणे स्थित हिंदू महासंघ ने सेंसर बोर्ड और फिल्म निर्माता को विरोध पत्र भेजा है। संगठन के अध्यक्ष आनंद दवे ने फिल्म में छत्रपति शिवाजी महाराज को सेकुलर शासक के रूप में दिखाए जाने पर विरोध जताया है, उन्होंने कहा कि यह उनकी असली पहचान के खिलाफ है। आनंद ने दावा किया है कि फिल्म पर बैन नहीं लगा तो वह सिनेमाघरों के बाहर फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे।