शकीला (फोटो- सोशल मीडिया)
Shakila Death Anniversary Special Story: हिंदी सिनेमा के स्वर्णिम युग की अदाकारा शकीला का नाम आते ही दर्शकों के जहन में उनकी मासूम मुस्कान और मोहक अदाएं ताजा हो जाती हैं। फिल्म सीआईडी का मशहूर गीत ‘आंखों ही आंखों में इशारा हो गया’ आज भी उतना ही लोकप्रिय है, जितना उस दौर में था। इस गाने में शकीला और देव आनंद की जोड़ी ने पर्दे पर जादू बिखेरा था। इसी फिल्म का एक और गीत ‘लेके पहला-पहला प्यार’ भी सुपरहिट रहा, जिसने शकीला को रातोंरात घर-घर में पहचान दिला दी।
शकीला का जन्म 1 जनवरी 1935 को हुआ था। बचपन में उनका नाम बादशाह बेगम था। वे अफगानिस्तान और ईरान के शाही खानदान से ताल्लुक रखती थीं। लेकिन पारिवारिक झगड़ों और सिंहासन की लड़ाई में उनके परिवार ने बड़े संकट झेले। पिता और मां के निधन के बाद शकीला अपनी बहनों संग मुंबई आ गईं, जहां उनकी बुआ ने उनकी परवरिश की और आगे चलकर फिल्मों में उनका मैनेजमेंट भी संभाला।
शकीला का फिल्मी करियर काफी संघर्षों से भरा रहा। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखेंगी। लेकिन किस्मत ने उन्हें हिंदी सिनेमा की चमकती दुनिया तक पहुंचाया। मशहूर निर्देशक गुरु दत्त ने उन्हें फिल्मों में मौका दिया और उनके टैलेंट से प्रभावित होकर उन्हें सीआईडी जैसी बड़ी फिल्म में कास्ट किया।
शकीला ने अपने करियर में गुमास्ता (1951), सिंदबाद द सेलर (1952), राजरानी दमयंती (1952), आगोश (1953), शहंशाह (1953), राज महल (1953), अरमान (1953) जैसी फिल्मों में काम किया। उन्होंने उस दौर के बड़े सितारों जैसे देव आनंद, सुनील दत्त और शम्मी कपूर के साथ स्क्रीन शेयर की। उनकी खूबसूरती और मासूमियत ने उन्हें अरबी चेहरा का खिताब भी दिलवाया।
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हिंदी सिनेमा में अपनी खास पहचान बनाने वाली यह अदाकारा बाद के वर्षों में लाइमलाइट से दूर हो गईं। लेकिन उनके गाने और किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा हैं। 20 सितंबर 2017 को 82 साल की उम्र में शकीला का निधन हो गया। बताया जाता है कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई थी। शकीला भले ही इस दुनिया में नहीं रहीं, लेकिन उनकी यादें और स्क्रीन पर उनके निभाए गए किरदार हमेशा हिंदी सिनेमा का अहम हिस्सा बने रहेंगे।