मुस्लिम होकर भी हिंदुओं के पंडित जैसा जीवन बिताते थे इरफान खान (सौ. सोशल मीडिया)
मुंबई: भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने पिछले कुछ साल में अपने कई दिग्गज कलाकर खो दिए है। उन में से एक है एक्ट्रर इरफान खान। इरफान खान ने अपने करियर में एक से एक कई हिट फिल्में बॉलीवुड को दी है। वे एक ऐसे एक्टर हो जब अब ना हो कर भी सभी के दिल में जिंदा है। उनकी एक्टिंग और उनका काम आज लोगों के बीच सहराया जाता है। आज इरफान खान की 58वी जन्मतिथि है। उनके इस जन्मदिन पर जानते है उनके बार में खास बातें।
इरफान खान का निधन 29 अप्रैल 2020 में ट्यूमर की वजह से हुआ। एक्टर की आखिरी फिल्म अंग्रेजी मीडियम थी। इस फिल्म को उनके फैंस का काफी प्यार मिला। इसके अलावा उन्होंने शेकस्पीयर के नोवल पर आधारित फिल्म मकबूल, हासिल, हिंदी मीडियम, तलवार जैसी फिल्मों में भी काम किया है। उनका जन्म राजस्थान के टोंक में हुआ था। मुस्लिम फैमिली से होने के बाद भी वे कभी नॉन वेज नहीं खाते थे। वे शाकाहारी थे। यहीं वजह थी की लोग उन्हें ब्राह्मण कहते थे।
इरफान खान ने अपने कई इंटरव्यूज में अपनी फूड हेबिट और नॉन वेज ना खाने के बारे में बात कर चुके है। एक्टर का पूरा नाम साहबजादे इरफान अली खान था। उनका ताल्लूक मुस्लिम पठान फैमिली से था। एक इंटरव्यू में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि वह मुस्लिम परिवार से आने के बाद भी नॉन वेज खाना पसंद नहीं करते है।
एक्टर ने बताया था कि वे बचपन से ही शाकाहारी रहे है। उनके नॉन वेज ना खाने के कारण उनके परिवार वाले उन्हें कई बार मजाक में ब्राह्मण कहा करते थे। उनके पिता कहते थे कि उनके घर में एक ब्राह्मण पैदा हो गया है। रिपोर्ट्स में ये भी बताया गया है कि एक्टर के पिता उन्हें शिकार पर ले जाते थे, पर उन्हें जानवरों को मारना पसंद नहीं था। वे राइफल चलाना जानते थे फिर भी शिकार नहीं करते थे। उन्हें जानवरों से प्यार था।
इरफान खान बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में भी एडमिशन लिया। एडमिशन लेने के कुछ समय बाद ही उनके पिता का निधन हो गया। पिता के निधन के 4 दिन बाद उनकी मां का निधन हो गया। इरफान खान ने बॉलीवुड में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।