Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़
  • वायरल
  • अन्य
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • करियर
    • धर्म
    • हेल्थ
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • चुनाव
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
In Trends:
  • बिहार चुनाव 2025 |
  • छठ पूजा 2025 |
  • Ind vs Aus |
  • महिला वर्ल्ड कप |
  • आज का मौसम |
  • आज का राशिफल |
  • बिग बॉस 19
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

इमरजेंसी मूवी रिव्यू: आपातकाल के दौर को निष्पक्षता से पेश करती कंगना रनौत की ये फिल्म

साल 2019 में आई ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी’ के बाद अब कंगना रनौत के निर्देशन में बनी उनकी दूसरी फिल्म ‘इमरजेंसी’ रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म को देखने से पहले उनका ये रिव्यू जरूर पढ़ें।

  • By सोनाली झा
Updated On: Jan 17, 2025 | 10:03 AM

इमरजेंसी मूवी रिव्यू

Follow Us
Close
Follow Us:

निर्देशक: कंगना रनौत
रनटाइम: 2 घंटे 28 मिनट
जॉनर: हिस्टोरिकल बायोग्राफिकल ड्रामा
रेटिंग: 3.5 स्टार्स

साल 2019 में आई ‘मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी’ के बाद अब कंगना रनौत के निर्देशन में बनी उनकी दूसरी फिल्म ‘इमरजेंसी’ रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म को देखने से पहले उनका ये रिव्यू जरूर पढ़ें।

कहानी: जैसा कि हम सभी जानते हैं कि भारत की पूर्व प्रधानमंत्री द्वारा 25 जून 1975 में लगाया गया ‘इमरजेंसी’ देश के सबसे मुश्किल दौर में से एक रहा है जहां इसे लोकतंत्र पर सीधे हमले के रूप में देखा जाता है। कंगना रनौत की ये फिल्म इतिहास के उन्हीं पन्नों की ओर हमें दुबारा लेट जाती है और उस पूरे घटनाक्रम तथा इंदिरा गांधी द्वारा किये गए कार्यों, उनके संघर्ष, उनके राजनीतिक दबदबे, उनका परिवार और विशेष रूप से पुत्र मोह और अंत में इं सबसे ऊपर उठकर देश हित का उनका विचार, इन सभी बातों को फिल्म में पेश किया गया है। कहानी की शुरुआत में दिखाया गया है कि किस प्रकार अपने पिता जवाहरलाल नेहरू से राजनीतिक जगत में प्रेरणा लेकर वे अपना सफर शुरू करती हैं और बांग्लादेश को आजाद करती हैं। इसके बाद वे एक-एक करके कई बड़े फैसले लेती हैं और साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के गौरव को मजबूत करने का कार्य करती हैं।

अभिनय: कंगना रनौत यहां इंदिरा गांधी की भूमिका में छा गई हैं। उनके बोलचाल, उनका लुक उनकी डायलॉग डिलीवरी, ये सभी बेहद शानदार हैं और वे हुबहू पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तरह लगती हैं। खास बात ये है कि अपनी बीती कुछ फिल्मों की विपरीत कंगना ने अपने रोल में अपनी पहचान को परे रखकर उतना ही परफॉर्म किया जितना उनके किरदार को आवश्यक है जो कि सराहनीय है। उनके बाद फिल्म में संजय गांधी के किरदार में नजर आए विषाक नायर को काफी बढ़िया स्क्रीन स्पेस दिया गया है और वे अपने रोल में पूरी तरह से ढले हुए नजर आए। फिल्म में श्रेयस ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की भूमिका निभाई है, हालांकि वे हमें अपने रोल में उतना इम्प्रेस नहीं करते। बात करें अनुपम खेर की तो जेपी नारायण की भूमिका में वे बढ़िया अभिनय करते दिखे। वहीं जगजीवन राम की भूमिका में सतीश कौशिक को देखकर यकीन कर पाना मुश्किल है इतने बेहतरीन कलाकार अब इस दुनिया में नहीं।

म्यूजिक: फिल्म में कोई ऐसा थीम सॉन्ग नहीं लेकिन कुछ इमोशनल और मोटिवेशन से भरे सीन्स में चंद गाने हैं, जो फिल्म देखने के समय तक ही आपको याद रहेंगे। इसी के साथ फिल्म के बैकग्राउंड म्यूजिक पर और भी बेहतर ढंग से काम किया जा सकता था।

ये भी पढ़ें- प्रियंका चोपड़ा ने लॉस एंजिल्स में लगी आग से प्रभावित पीड़ितों के लिए मांगा समर्थन

फाइनल टेक: सबसे पहले इस फिल्म की खूबियों की बात करें तो कंगना और फिल्म की अन्य कास्ट ने अपनी एक्टिंग से इस कहानी में जान फूंक दी है। इसी के साथ कहानी को बेहद न्यूट्रल ढंग से पेश किया गया है और कहीं से भी ये नहीं लगता कि इस कहानी की निर्देशक कंगना हैं जो कि एक अभिनेत्री ही नहीं बल्कि बीजेपी सांसद भी हैं। कांग्रेस परिवार की सबसे सशक्त महिला रहीं इंदिरा गांधी को उन्होंने पूरे सम्मान के साथ पर्दे पर उतारा है। बात करें फिल्म में नजर आई कमियों को तो इसके कई जगहों पर ये हमारे जज्बातों को जगाने में कमजोर नजर आती हैं। फिल्म को 2 घंटे 28 मिनट में समेटा गया है जिसके चलते कहानी के कई अहम सीन्स जैसे सिख दंगे और अन्य चीजों को बेहद कम दृश्यों में दर्शाया गया है। ओवरऑल बात करें तो इतिहास से जुड़ी कहने को बेहद सच्चाई के साथ पेश किया गया है। अगर आप भी ऐसी फिल्में देखने के शौक़ीन हैं तो आपको ये फिल्म बेहद पसंद आएगी।

Emergency movie review kangana presents the emergency period impartially

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Jan 17, 2025 | 10:03 AM

Topics:  

  • Anupam Kher
  • Kangana Ranaut

सम्बंधित ख़बरें

1

किसान आंदोलन पर बयान के बाद पछता रही हैं कंगना रनौत, बोलीं- मैं सपने में भी ऐसा नहीं सोच सकती

2

‘खून में चापलूसी है’, नसीरुद्दीन शाह के बयान पर 5 साल बाद अनुपम खेर ने दिया जवाब

3

अनुपम खेर ने याद किए कोविड के पुराने दिन, शेयर की हौसला बुलंद करने वाली कविता

4

68 साल की उम्र में अनुपम खेर ने शुरू की डांस क्लास, ‘तौबा तौबा’ गाने पर किया हुक स्टेप प्रैक्टिस

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.