उमर अब्दुल्ला (सोर्स: सोशल मीडिया)
श्रीनगर: 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। जम्मू-कश्मीर की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। तो नेशनल कॉन्फ्रेंस सहयोगी कांग्रेस ने 7 सीटे जीतीं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया हैं और सरकार बनाने जा रहे हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने चुनाव नतीजे आने के बाद कहा कि, उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल कर ‘उल्लेखनीय कार्य’ करेंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष ने ‘पीटीआई-वीडियो’ सेवा से कहा कि “केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर कुछ चीजें की जा सकती हैं और कुछ चीजें नहीं की जा सकतीं लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि जम्मू-कश्मीर हमेशा के लिए केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा।”
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उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी जम्मू-कश्मीर की जनता के लिए सम्मानजनक काम करेंगे और जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाएंगे और फिर हमारे घोषणापत्र के बाकी हिस्से को लागू किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को जीत की ओर ले जाने वाले अब्दुल्ला ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को राज्य का दर्जा बहाल करने का अपना वादा पूरा करेंगे।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुला ने कहा कि “प्रधानमंत्री, गृहमंत्री ने संसद में अपने भाषणों और सुप्रीम कोर्ट में अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया है। इसलिए मेरा मानना है कि यह जल्द से जल्द होना चाहिए। और फिर जाहिर है कि हमारी प्राथमिकताएं वहीं से आगे बढ़ेंगी।”
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उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार केंद्र के साथ शत्रुतापूर्ण संबंध रखने का जोखिम नहीं उठा सकती। उन्होंने कहा कि “एक बार नई सरकार बन जाने के बाद फिर चाहे जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री कोई भी हो, मैं उम्मीद करता हूं कि वह प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और अन्य नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली जाएंगे और उन्हें यह समझाएंगे कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का जनादेश राज्य का दर्जा बहाल करने, विकास और शांति के लिए है और मुख्यमंत्री कोई भी हो, मुझे उम्मीद है कि वे भारत सरकार के साथ अच्छे कामकाजी संबंध स्थापित करने में सक्षम होंगे।”
(एजेंसी इनपुट के साथ)