संदीप दीक्षित (डिजाइन फोटो)
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू हो गई है। शुरुआती रुझानों में भाजपा को बढ़त दिखाई दे रही है। वहीं आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के खेमे में खलबली है। नतीजों से पहले ही गठबंधन को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद की जा रही है। अगर किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला तो क्या आप और कांग्रेस एक बार फिर साथ आकर सरकार बनाएंगे इसे लेकर दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला दिखाई दे रहा है। AAP लगातार चौथी बार सत्ता हासिल करने की कोशिश में है, वहीं बीजेपी राष्ट्रीय राजधानी में अपना 27 साल का सूखा खत्म करने को बेकरार है और पिछले दो चुनावों जीराे पर लटकी कांग्रेस इस बार खाता खोलने के लिए जुझ रही है। ऐसे में दिल्ली में तीनों दलों के बीच मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है।
नई दिल्ली सीट से कांग्रेस उम्मीदवार संदीप दीक्षित ने मतगणना से पहले ने कहा कि अगर चुनाव नतीजों के बाद दिल्ली में सरकार बनाने के लिए गठबंधन की स्थिति तैयार होती है, तो इस पर फैसला पार्टी आलाकमान लेगा। उन्होंने कहा कि अभी मतगणना होने दें, फिर देखत हैं कौन जीतता है। हमें अभी इस बारे में आइडिया नहीं। हम ये फैसला नहीं ले सकते।
#WATCH | #DelhiAssemblyElection2025 | Congress candidate from New Delhi constituency, Sandeep Dikshit says, “I have no idea about the alliance. It is the decision of the high command. Let the counting of the votes happen.” pic.twitter.com/yXNDzByIkQ
— ANI (@ANI) February 8, 2025
दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला होने की कारण इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कोई भी एक दल या गठबंधन पूर्ण बहुमत हासिल ना कर पाए। यानी दिल्ली को त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन सकती है। बता दें कि दिल्ली में 70 विधानसभा सीटें है। किसी पार्टी या गठबंधन को साधारण बहुमत के लिए कम से कम 36 सीटों की आवश्यकता होती है।
गौरतलब है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पहले भी सरकार बनाने के लिए चुनाव बाद गठबंधन कर चुकी हैं। साल 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की 31 सीटें आई थीं, आम आदमी पार्टी को 28 सीटें मिली थीं और कांग्रेस की 8 सीटें जीती थीं। तब आप और कांग्रेस ने गठबंधन करके दिल्ली में सरकार बनाई थी और अरविंद केजरीवाल पहली बार मुख्यमंत्री बने थे।
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हालांकि, यह गठबंधन सिर्फ 49 दिनों तक चल पाया और इसके बाद दोबारा चुनाव हुए। 2015 में हुए इन चुनावों में आम आदमी पार्टी ने 67 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया। भाजपा 3 सीट पर सिमट गईऔर कांग्रेस खाता नहीं खोल सकी। 2020 के विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों के साथ एक तरफा जीत दर्ज की। भाजपा की 8 सीटें आईं और कांग्रेस एक बार फिर खाता खोलने में विफल रही थी।