समीर भुजबल व छगन भुजबल (सोर्स: सोशल मीडिया)
नासिक: महाराष्ट्र में पिछले 2 से ढाई सालों में अभूतपूर्व सत्ता संघर्ष देखा गया है। राज्य के 2 प्रमुख दलों शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में फूट पड़ी और राज्य की राजनीति में भूकंप आ गया। इस फूट के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव होगा, इसलिए कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। राज्य ने एक चाचा और भतीजे के बीच बगावत देखी है और इस विधानसभा चुनाव में राज्य को फिर से एक और चाचा भतीजे के बीच बगावत देखने को मिल सकती है। अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस में वरिष्ठ नेता और मंत्री छगन भुजबल को उनके भतीजे समीर भुजबल बड़ा धक्का दे सकते हैं, ऐसे संकेत मिल रहे हैं।
महाराष्ट्र की राजनीति में यह परिवर्तन 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद हुआ जब शिवसेना ने भाजपा के साथ अपने 25 साल के गठबंधनक तोड़ दिया। इसके बाद महाविकास आघाड़ी की सरकार बनी। शिवसेना में बगावत और सत्ता परिवर्तन के बाद, पूर्व मंत्री घोलप एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल हुए।
महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल ने पहले ही अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा जताई थी और विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी। सूत्रों के अनुसार, महायुति से टिकट मिलने की संभावना न होने के कारण पूर्व सांसद समीर भुजबल अब महाविकास आघाड़ी के संपर्क में हैं। वह नासिक जिले के नांदगांव विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं।
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समीर भुजबल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 2009 से 2014 तक सांसद के रूप में कार्य किया था। नांदगाव के राजनीतिक हल्के में खलबली मची हुई है और महायुति में भी इसका असर दिख रहा है। समीर भुजबल ने चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है लेकिन वर्तमान में यह सीट शिंदे गुट के पास है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या शिंदे गुट भुजबल के लिए सीट छोड़ेगा या समीर भुजबल निर्दलीय लड़ेंगे या महाविकास आघाड़ी का विकल्प चुनेंगे।
समीर भुजबल महायुति से उम्मीदवारी पाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन सुहास कांदे को महायुति का उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा है। अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवारी पाने के लिए समीर भुजबल प्रयासरत हैं यदि उन्हें उम्मीदवारी नहीं मिलती, तो वे अन्य विकल्पों पर विचार करेंगे। सूत्रों के अनुसार, समीर भुजबल निर्दलीय या महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार के रूप में लड़ने की संभावना पर विचार कर रहे हैं। ठाकरे गुट और शरद पवार गुट के नेता भी समीर भुजबल से संपर्क में हैं। यह महाराष्ट्र की राजनीति में एक महत्वपूर्ण विकास हो सकता है।
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