फारूख अब्दुल्ला, राहुल गांधी व महबूबा मुफ्ती
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। राजतीनिक पार्टियां लगभग 6 साल बाद चुनावी मैदान में दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। इस बीच लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी श्रीनगर के लिए रवाना हो चुके हैं। राहुल गांधी कल यानी गुरुवार को राज्य में चुनाव को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ चुनावी रणनीति पर चर्चा करेंगे।
जम्मू कश्मीर में तकरीबन 6 साल बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं। पहले चरण के लिए 18 सितंबर, दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर और तीसरी चरण के लिए 1 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। जबकि चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
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राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर पहुंचकर कांग्रेस कांर्यकर्ताओं के साथ-साथ पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और जम्मू-कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस के मुखिया फारूख अब्दुल्ला से भी मुलाकात करेंगे। दोनों ही दल विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ब्लॉक का हिस्सा हैं।
#WATCH | Delhi: Leader of Opposition in Lok Sabha & Congress MP Rahul Gandhi leaves for Srinagar.
He will meet party leaders and workers in Srinagar tomorrow, August 22. pic.twitter.com/w8fGebbOMO
— ANI (@ANI) August 21, 2024
इन चुनावों में जीत दर्ज करने के लिए सियासी दलों और सियासतदानों की कवायद शुरू हो गई है। 2014 में हुए आखिरी चुनाव में यहां पीडीपी और बीजेपी ने मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई थी। तब लद्दाख भी जम्मू-कश्मीर का हिस्सा हुआ करता था। 2014 के चुनावों में महबूबा की पीडीपी को 28 तो वहीं भाजपा को 25 सीटें हासिल हुई थीं। जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस 15 और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 12 सीटें मिली थीं।
इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भी मजबूती से मैदान में उतरना चाहती है। जिससे वह सरकार बना सके या फिर सरकार का हिस्सा रह सके। यही वजह है कि राहुल गांधी श्रीनगर के लिए निकल पड़े हैं। कल यानी गुरुवार को वह राज्य में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग करेंगे। जिसमें चुनावी रणनीति को लेकर चर्चा होगी।
2019 से पहले, जम्मू और कश्मीर राज्य में द्विसदनीय विधायिका थी जिसमें विधान सभा और विधान परिषद शामिल थे। जम्मू और कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष (अब 5 वर्ष) था। अगस्त 2019 में भारत की संसद द्वारा पारित जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 ने इसे एक सदनीय विधायिका में बदल दिया, साथ ही राज्य को पुनर्गठित कर दिया और इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया।