उमर अब्दुल्ला (सोर्स: सोशल मीडिया)
श्रीनगर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला श्रीनगर में राजभवन पहुंचे और उपराज्यपाल से मुलाकात कर राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश किया। साथ ही कांग्रेस, सीपीएम, आम आदमी पार्टी और निर्दलिय विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा। अगले दो से तीन दिन में शपथ ग्रहण कार्यकम किया जा सकता है। उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने का अनुराेध भी किया है।
जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात करने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “मैंने एलजी से मुलाकात की और कांग्रेस, सीपीएम, आप और निर्दलीयों से मिले समर्थन पत्र सौंपे। मैंने उनसे शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय करने का अनुरोध किया ताकि सरकार काम करना शुरू कर सके। यह एक लंबी प्रक्रिया होगी क्योंकि यहां केंद्र का शासन है।”
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि “एलजी पहले राष्ट्रपति भवन और फिर गृह मंत्रालय को दस्तावेज भेजेंगे। हमें बताया गया है कि इसमें 2-3 दिन लगेंगे। इसलिए अगर यह मंगलवार से पहले होता है, तो हम बुधवार को शपथ ग्रहण समारोह करेंगे। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि इस सरकार में जम्मू की अनदेखी नहीं की जाएगी।”
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#WATCH | Srinagar: After meeting LG Manoj Sinha, Jammu and Kashmir National Conference Vice President Omar Abdullah says, “I met the LG and handed over letters of support that I have received from the Congress, CPM, AAP and independents. I requested him to fix a date for the… pic.twitter.com/ecF6EBgCur — ANI (@ANI) October 11, 2024
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में हुए चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए गए। इसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी। वहीं बीजेपी 26 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। कांग्रेस को 6 तो महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी को 3 सीटें मिली। कांग्रेस, सीपीएम, आप और निर्दलियों ने उमर अब्दुल्ला की पार्टी को अपना समर्थन दिया। जिसके बाद उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को एलजी मनोज सिन्हा से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
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गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। इस गठबंधन ने कुल 48 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 90 विधानसभा सीट वाले जम्मू-कश्मीर में बहुमत के लिए 46 विधायकों की जरूरत होती हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को इससे ज्यादा सीटें हासिल हुई थी। इसके बाद कुछ निर्दलियों और आप ने भी अपना समर्थन नेशनल कॉन्फ्रेंस को दिया है।