कांग्रेस में शामिल होने अनीस अहमद (सोर्स: एक्स@INCMaharashtra)
नागपुर: चुनावी सीजन में नेताओं का पार्टी बदलने का सिलसिला नया नहीं है। लेकिन मध्य नागपुर विधानसभा सीट में कांग्रेस नेता व पूर्व मंत्री अनीस अहमद ने 5 दिनों में जो पार्टी बदल की और वापस लौट आए ऐसा शायद ही कभी हुआ हो। कांग्रेस द्वारा बंटी शेलके की उम्मीदवारी घोषित करने के बाद पूर्व मंत्री अनीस अहमद ने मुस्लिम समाज को प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने से नाराज होकर 28 अक्टूबर की शाम मुंबई में वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर के निवास पर वीबीए में शामिल हो गए।
अनीस अहमद ने वीबीए से उम्मीदवारी के लिए एबी फार्म भी ले लिया। इस घटनाक्रम से जहां कांग्रेसी खेमे में हड़कंप मच गया, वहीं अधिकृत उम्मीदवार शेलके को भी नुकसान का अंदेशा होने लगा। 29 अक्टूबर को उम्मीदवारी पर्चा दाखिल करने की अंतिम तारीख को अहमद पर्चा दाखिल करने पहुंचे भी लेकिन निर्धारित समय 3 बजे के बाद, जिसके चलते वे नामांकन दाखिल नहीं कर पाए।
अनीस अहमद के नामांकन दाखिल नहीं कर पाने की वहज से कांग्रेसी खेमे ने राहत की सांस ली। मात्र 4 दिनों बाद ही अनीस मुंबई पहुंचे और 2 नवंबर को कांग्रेसी नेताओं की उपस्थिति में कांग्रेस में दोबारा प्रवेश ले लिया। उनकी पलटी पर अब कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं।
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अनीस अहमद द्वारा लेट होने के चलते पर्चा दाखिल नहीं कर पाने के बाद से ही राजनीतिक महकमे में चर्चा शुरू हो गई थी ऐसा शायद जानबूझकर किया गया है। अब पांचवे ही दिन उनकी कांग्रेस में वापसी की खबर आते ही, इस चर्चा को बल मिला है।
हालांकि यह कहा जा रहा है कि उनके नामांकन भरने के पूर्व दिल्ली तक से पार्टी नेताओं के फोन उन्हें आते रहे। वहीं कुछ जानकारों का कहना है कि नागपुर मध्य विधासभा सीट में मुस्लिम वोट कांग्रेस को मिलता है। अनीस के बगावत करने पर ये वोट बंटना तय था। इससे कांग्रेस उम्मीदवार को भारी नुकसान पहुंचता और बीजेपी को लाभ मिलता।
इस सीट पर वंचित बहुजन आघाड़ी और एमआईएम अपने उम्मीदवार उतारने वाली थी। संभवत: वह मुस्लिम चेहरा ही होता। वीबीए व एमआईएम को रोकने के लिए कांग्रेस द्वारा यह स्क्रिप्ट प्ले की गई। अनीस अहमद वंचित में शामिल होकर उम्मीदवारी के लिए एबी फार्म ले आए।
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माना जा रहा है कि मुस्लिम चेहरा देख एमआईएम ने अपना उम्मीदवार नहीं दिया। नामांकन दाखिल करने के दिन अंतिम समय तक अनीस जिलाधिकारी कार्यालय में जमे रहे लेकिन पर्चा दाखिल नहीं कर पाए। इस चक्कर में इस सीट पर वंचित व एमआईएम उम्मीदवार नहीं दे पाई। कयास लगाए जा रहे हैं कांग्रेस ने अनीस अहमद को विधान परिषद में भेजने का आश्वासन दिया गया है।