कॉन्सेप्ट फोटो (सोर्स-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र में चुनावी महासंग्राम चल रहा है। आमतौर पर चुनावी सीजन में या चुनाव के बाद हम देखते हैं कि टूट चुके राजनैतिक कुनबे एक भी होते हैं और अगल भी जाते हैं। अब महाराष्ट्र में चुनावी मौसम में क्या राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे मनभेद और मतभेद भुलाकर एक होंगे यह सवाल बहुते तेजी से सियासी फिजाओं में तैर रहा था जिसका जवाब अब मिल चुका है।
शिवसेना यूबीटी से उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे वर्ली सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। राज ठाकरे ने भी इस बार वर्ली सीट से अपना उम्मीदवार उतारा है। इस पर राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे ने कहा कि अगर आदित्य वर्ली में काम करते तो हम इस साल भी उम्मीदवार नहीं उतारते। हम वर्ली के लोगों को निराश नहीं कर सकते। अमित ठाकरे ने भविष्य में ठाकरे परिवार (उद्धव और राज) के एक होने की संभावना को खारिज कर दिया।
बीबीसी से बातचीत में अमित ठाकरे ने कहा, “यह मेरी व्यक्तिगत इच्छा नहीं है। 2014 में भी एक कोशिश हुई थी, एक बार कोशिश हुई तो उनकी तरफ से चीजें गलत हो गईं। 2017 में क्या हुआ। उस समय छह कॉरपोरेटर चोरी हो गए थे। मैं राजनीति में नहीं था। मेरे पिता जिस मानसिक स्थिति से जूझ रहे थे, वह भयानक थी। खोखा देकर कॉरपोरेटर चुराए गए। सातवें को भी फोन आया, वह नहीं गया। उसने मुझे फोन करके बताया, तब मेरे दिमाग में आया कि इनसे (उद्धव ठाकरे) दो कदम दूर रहना ही बेहतर है।”
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अमित ठाकरे ने बताया कि वह आदित्य ठाकरे से बात नहीं करते हैं। अमित ने कहा, “मुझे उनसे जुड़ने की इच्छा नहीं है। मुझे नहीं लगता कि परिवार साथ आएगा। मेरा परिवार मेरे साथ है। मैं बालासाहेब के दूसरे नाती-नातिन जयदीप, राहुल और ऐश्वर्या से संपर्क में हूं। मैं आदित्य से बात नहीं करता। इन लोगों से दूर रहना ही बेहतर है।” अमित ठाकरे ने कहा, “मेरा कारण सिर्फ इतना है कि हमारे पास हमारे सांसद और विधायक होंगे, उन्हें संभालने की मेरी क्षमता नहीं है। बाहर रहकर रिमोट से उन्हें चलाना मेरा करिश्मा नहीं है। इसलिए मैंने स्वीकार किया है कि हमें सिस्टम में आकर काम करना चाहिए।
लोकसभा चुनाव में मनसे ने बिना शर्त समर्थन दिया, लेकिन विधानसभा चुनाव में मनसे के खिलाफ एकनाथ शिंदे ने उम्मीदवार खड़ा किया? इस पर अमित ने कहा कि मेरे पिता कुछ पाने की इच्छा से समर्थन नहीं करते। उन्होंने पांच मुद्दों पर मोदी जी का समर्थन किया था। इनमें से एक पूरा हो गया है और बाकी पर भी हम आगे बढ़ेंगे। हमें राज्यसभा या विधान परिषद का पद नहीं चाहिए था। देवेंद्र फडणवीस ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि वे अमित ठाकरे का समर्थन करेंगे।
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इस पर अमित ठाकरे ने कहा, ”अगर कोई बड़ा राष्ट्रीय नेता मीडिया के सामने ऐसा कहता है तो मेरे लिए यह बड़ी बात है। यह मेरा पहला चुनाव है। अगर बड़े नेता बात करते हैं तो यह अच्छी बात है।” पिछली बार जब आदित्य पहली बार चुनाव लड़ रहे थे तो मनसे ने वर्ली में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था, लेकिन उद्धव ने अमित के खिलाफ उम्मीदवार उतारा है। इस पर अमित ने कहा, ”मुझे उम्मीद थी कि वह चुनाव लड़ेंगे। मैं जानता हूं कि वह कैसे हैं। मैं उन मूल्यों को आगे बढ़ा सकता हूं जो मेरे पिता ने बालासाहेब या श्रीकांत जी से प्राप्त किए हैं ताकि दूसरे भी ऐसा करें।”