समीर भुजबल (सोर्स-सोशल मीडिया)
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महायुति में महाभारत का दौर शुरू हो गया है। जिसकी पहली बानगी गुरुवार को देखने को मिली है। एनसीपी अजित पवार की मुंबई इकाई के अध्यक्ष और छगन भुजबल के भतीजे समीर भुजबल ने पद से इस्तीफा दे दिया है। इतना ही नहीं इस्तीफा देने के ठीक बाद उन्होंने नांदगांव विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन भी दाखिल कर दिया है।
दरअसल महायुति में सीट बंटवारे के मद्देनजर नांदगांव सीट एकनाथ शिंदे की शिवसेना के पास है और शिंदे ने पहले ही मौजूदा विधायक सुहास कांदे को वहां से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। दरअसल समीर भुजबल नांदगांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के इच्छुक थे और वह पार्टी से टिकट की मांग कर रहे थे।
एनसीपी कार्यकर्ता समीर भुजबल के लिए यह सीट मांग रहे थे और एनसीपी कार्यकर्ताओं ने यह भी घोषणा की थी कि वह नांदगांव में सुहास कांदे के समर्थन में काम नहीं करेंगे। लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई और सीट बंटवारे के फॉर्मूले के तहत यह सीट एकनाथ शिंदे के खाते में चली गई। इसके बाद शिंदे ने यहां से अपनी पार्टी के मौजूदा विधायक सुहास कांदे को टिकट दे दिया।
पार्टी पदाधिकारियों को पत्र लिखकर समीर भुजबल ने कहा, करीब एक साल पहले आप सभी ने मुझ पर भरोसा किया और मुझे मुंबई अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। इस जिम्मेदारी को निभाते हुए हम बहुत विपरीत परिस्थिति में हैं। संगठन को मजबूती से खड़ा किया। इसमें हमने जिला अध्यक्ष से लेकर बूथ तक संगठन को खड़ा किया। लेकिन नांदगांव में स्थिति बहुत खराब है।
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उन्होंने लिखा कि पिछले पांच सालों में इस विधानसभा क्षेत्र और यहां के नागरिकों का वातावरण बहुत प्रदूषित हो गया है। इस संबंध में नांदगांव के कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और नागरिकों की एक बैठक हुई। नांदगांव में नागरिकों की बढ़ती मांग को देखते हुए मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया। मैं एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहा हूं।
इसके अलावा मुंबई की अंधेरी ईस्ट सीट पर एनसीपी (शिंदे) और बीजेपी के बीच खींचतान चल रही है। शिंदे चाहते हैं कि पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की पत्नी यहां से चुनाव लड़ें। लेकिन बीजेपी भी यहां से चुनाव लड़ना चाहती है। बीजेपी का कहना है कि प्रदीप शर्मा एंटीलिया और मनसुख हिरन हत्या मामले में आरोपी हैं और उनकी पत्नी को उम्मीदवार नहीं बनाया जाना चाहिए, ऐसे में बीजेपी का उम्मीदवार ही बेहतर रहेगा।
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