सुशील गुप्ता ( सोर्स: एक्स@DrSushilKrGupta)
दिल्ली: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर आ गए हैं। सभी कयासों और एक्जिट पोल्स को धता बताते हुए भाजपा ने कांग्रेस को मात देते हुए बाजी मारी है। मतगणना के दिन शुरुआती रुझानों में देखकर ऐसा लगा था कि कांग्रेस बहुमत को आंकड़ा पार कर लेगी। जिसे देखकर कांग्रेस वाले जमकर जश्न मनाने लगे, साथ ही मिठाइयां और जलेबी बांटी गई। लेकिन दोपहर होते-होते पासा पलट गया और बीजेपी आगे निकल गई। हरियाणा के नतीजों ने राजनीतिक दलों को दलों को तो चौंकाया ही साथ ही राजनीति विश्लेषक और राजनीति में रुचि रखने वाले देश के लोग भी आश्चर्यचकित रह गए।
हरियाणा के चुनाव में कांग्रेस तो हारी ही लेकिन दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद के जेल से बाहर आने के बाद आप को हरियाणा से काफी उम्मीदें थी। लेकिन आप का प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा। आम आदमी पार्टी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं हो पाई। इस हार के बाद हरियाणा आप के अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने हार के कारणों और कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने को लेकर बड़ा बयान दिया हैं।
यह भी पढ़ें:– नासिक: विस्फोटक लोड कर रहे थे जवान, तभी हुआ जोरदार धमाका, दो अग्निवीरों की मौत
हरियाणा चुनाव पर हरियाणा आप अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने कहा कि “हरियाणा में भी आप ने गठबंधन की पूरी कोशिश की। लेकिन कांग्रेस से बात नहीं बनी। इसके बाद जब कांग्रेस ने अपने उम्मीदवारों की सूची जारी की, तो हमें भी अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करनी पड़ी। अगर गठबंधन होता तो स्थिति अलग होती। हमारे गठबंधन को 70 सीटें मिलतीं और यह अहंकारी भाजपा सरकार चली जाती। कांग्रेस को इस पर चर्चा करने की जरूरत है कि क्या हुआ।”
#WATCH | Delhi | On Haryana elections, Haryana AAP president, Sushil Gupta says, “…In Haryana also, AAP tried its best for an alliance. In the last three days, when Congress released its list of candidates, we also had to release our candidates’ list. If there was an alliance,… pic.twitter.com/wxrLh1km0t
— ANI (@ANI) October 11, 2024
बता दें कि हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के बीच हुई सीधी लड़ाई में सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा ने 90 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 48 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि 2019 में उसे 41 सीट मिली थी। वहीं कांग्रेस को 37 सीट पर संतोष करना पड़ा।
यह भी पढ़ें:– दलबदलू नेताओं को हराने की रणनीति में जुटे शरद पवार, खुद कर रहे उम्मीदवारों का चुनाव