डॉ. श्रीकांत शिंदे (सोर्स-सोशल मीडिया)
मुंबई: दीपावली बीतने के साथ अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सरगर्मी और तेज हो गई है। जैसे-जैसे चुनावी तारीख नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे नेताओं के बीच आरोप प्रत्यारोप भी तेजी से बढ़ रहे हैं। महायुति और महाविकास आघाड़ी की जंग के बीच पार्टियों से बगावत कर चुनाव में खड़े रहने वाले बागी उम्मीदवारों की भी चुनौती है। इन सभी चुनौतियों से निपटने के साथ पार्टी नेताओं ने चुनाव प्रचार की रणनीति बना ली है। ऐसे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उनके पुत्र सासंद डॉ श्रीकांत शिंदे चुनाव प्रचार के मैदान में उतर गए हैं।
शिवसेना के सभी मौजूदा विधायकों को जिताने के साथ महायुति में अपना स्ट्राईक रेट बढ़ाने की जिम्मेदारी भी पार्टी के युवा नेता डॉ श्रीकांत शिंदे के कंधों पर है। राज्य में पहली बार अलग हटकर होने जा रहे इस विधानसभा चुनाव में पार्टी की भूमिका को लेकर शिवसेना संसदीय दल के नेता डॉ. श्रीकांत शिंदे ने नवभारत संवाददाता सूर्यप्रकाश मिश्र बातचीत करते हुए कहा कि हमारा एक ही एजेंडा है और वह है, सिर्फ विकास का।
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सासंद डॉ श्रीकांत शिंदे ने कहा कि जिस तरह पिछले दो सवा दो साल में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महायुती सरकार ने अनेक निर्णय लेते हुए महाराष्ट्र में इंफ्रास्ट्रक्चर का काम किया। किसानों, युवाओं, महिलाओं और बहनों को राहत देने का काम किया उससे राज्य भर में उत्साह का माहौल है। हम सिर्फ डेवलपमेंट के एजेंडे को लेकर राज्य की जनता के समक्ष जा रहे हैं।
सवाल: असली नकली शिवसेना किसकी ?
जवाब: इस सवाल पर डॉ श्रीकांत शिंदे ने कहा कि यह तो 6 माह पहले लोकसभा चुनाव में तय हो गया था, जनता ने उसका जवाब दे दिया था, हम काफी कम सीट लड़कर भी 7 सीटों पर जीते। यूबीटी की अपेक्षा हमें 2 लाख ज्यादा वोट मिले जबकि मुंबई में उनकी जीत कांग्रेस के वोट की वजह से हुई। फेक नरेटिव फैलाने से हुई। वे सिर्फ कांग्रेस की वैशाखी पर हैं। मराठी वोट भी हमारी शिवसेना को मिले।
शिवसेना शिंदे गुट द्वारा बालासाहब ठाकरे का फोटो लगाए जाने पर आदित्य ठाकरे के एतराज पर डॉ श्रीकांत शिंदे ने कहा कि वे बालासाहब के विचार एक व्यक्ति और एक परिवार तक सीमित करना चाहते हैं, उन्होंने तो बालासाहेब के विचारों को ही छोड़ दिया। बालासाहब हर उस व्यक्ति के मन में हैं जो उनके हिंदुत्व के विचार को मानता है। बाला साहब के विचारों को आगे लेकर जाने का कार्य मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं।
सवाल: 6 माह पहले लोकसभा चुनाव में महायुती को मिली हार को देखते हुए अब विधानसभा चुनाव में वोटरों के बीच आपके और मुद्दे क्या होंगे?
जवाब: राज्य में मात्र फेक नरेटिव चलाकर उन्होंने लोकसभा चुनाव में राज्य में ज्यादा सीटें पाई लेकिन राज्य की जनता अब समझ गई है,कांग्रेस या उनके सहयोगी दलों के पास विकास का कोई एजेंडा नहीं। हम आदित्य ठाकरे सहित कांग्रेस के नेताओं को चुनौती देते हैं कि वे आमने सामने आकर हमसे डिबेट करें। ढाई साल में उन्होंने क्या किया और पिछले सवा दो साल में महायुती सरकार ने कितना काम किया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले से एक पत्रकार ने उनके विजन और प्रोजेक्ट के बारे में पूछा तो वे कुछ बोल ही नहीं पाए। इसी तरह यूबीटी नेताओं का भी कोई विजन नहीं है। उनके पास कोई मुद्दा न होने पर सिर्फ हमारी बहनों और हमारे लोगों के बारे में अपशब्द बोलते रहते हैं।
सवाल: डबल इंजन के सरकार का इस चुनाव में कितना लाभ होगा?
जवाब: एमबीए सरकार ने ढाई साल में सिर्फ प्रोजेक्ट्स को लटकाने का कार्य किया। जनता समझ चुकी है कि उस स्टे सरकार का राज्य में कोई काम नहीं है। मुंबई और राज्य का विकास सिर्फ डबल इंजन की सरकार से अधिक गति से होने वाला है।लोग हम पर विश्वास कर रहे हैं और फिर से एक बार महायुति की सरकार चुनकर लाएंगे। क्योंकि बालासाहब भी हमेशा कहते थे अगर मेरी शिवसेना की कांग्रेस होने लगी तो मैं अपनी दुकान बंद कर दूंगा। यूबीटी का तो कांग्रेसीकरण हो गया है। जबकि बालासाहब के विचारों पर चलकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य को सर्वांगीण विकास के पथ पर ले जाने का कार्य कर रहे हैं।
सवाल: चुनाव प्रचार में निजी हमलों को लेकर आपका क्या मानना है?
जवाब: नियत का फर्क होता है,हमारे नेता,नीति और नियत सभी स्पष्ट हैं। जबकि विपक्ष के लोग जिस प्रकार का शब्द यूज कर रहे हैं इससे उनकी नीति और नियत साफ झलक रही है। उनकी महिलाओं के प्रति कितनी संवेदना है,यह पूरे महाराष्ट्र को पता चल रहा है। उनसे दूसरा कोई एक्सपेक्टेशन नहीं किया जा सकता।
सवाल: राज्य के अगले मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर भी पार्टियों में घमासान पर आपका क्या कहना है?
जवाब: देखिए मुख्यमंत्री के चेहरे की लड़ाई महाविकास आघाड़ी में है। उनके हर नेता रोज उठकर कहते हैं कि मुझे आप मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाइए। यह होड़ एमवीए में लगी हुई है। हमारी महायुती में किसी नेता ने कभी भी यह नहीं कहा कि मुझे मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाइए।इस समय तो महायुती के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में ही हम चुनाव लड़ रहे हैं। यह तो लोग तय करेंगे कि महाराष्ट्र का नेतृत्व कौन करेगा।
सवाल: आप विकास की बात करते हैं,यूबीटी के नेता कहते हैं, कि राज्य के उद्योग गुजरात में ले जा रहे हैं ?
जवाब: यह भी एक फेक नैरेटिव है,लेकिन लोगों को इसके बारे में पता चल गया है,भले ही वे रोज उठकर यही कहें कि इतने सारे उद्योग धंधे बाहर चले गए। मैं कहता हूं कि इनके कार्यकाल में देश के सबसे बड़े उद्योगपति अंबानी जी के घर के नीचे विस्फोटक लगाने का काम किसने किया। जो वझे उस आरोप में पकड़ा गया वह किसका आदमी था। यदि उद्योगपतियों के घर के नीचे एक्सटॉर्शन के लिए आप बम रखने की साजिश करोगे तो क्या होगा। उस मामले में मनसुख हिरेन की हत्या हुई उसकी जान चली गई उन्होंने तो सभी उद्योगपतियों के लिए इस महाराष्ट्र में एक इनसिक्योर एनवायरमेंट क्रिएट करने का काम किया। तब इनको लगा नहीं कि उद्योगपति डर जाएंगे और बाहर चले जाएंगे।जबकि महायुती की सरकार आने के बाद राज्य में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश आया। इंफ्रास्ट्रक्चर के कामों को गति मिली। कई नए उद्योगों की शुरुआत हुई। रोजगार के साधन बढ़े हैं।
सवाल: आप विकास के काम गिनवा रहे हैं,जबकि आपकी सहयोगी बीजेपी कटेंगे तो बटेंगे का नारा बुलंद कर ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है?
जवाब: हमें ध्रुवीकरण करने की जरूरत नहीं है,मैं शुरू से एक ही बात बोल रहा हूं,वह है राज्य का डेवलपमेंट। सिर्फ विकास का एजेंडा साथ में लेकर जा रहे हैं। लोग हम पर विश्वास कर रहे हैं। किसी पोलराइजेशन की जरूरत नहीं है।
सवाल: क्या आपको विश्वास है कि राज्य में लोकसभा चुनाव के उलट रिजल्ट विधानसभा चुनाव का होगा?
जवाब: मुझे विश्वास है कि एक बार फिर से एनडीए की ही सरकार बनेगी। लोकसभा में फेक नैरेटिव फैलाया गया लोगों को गुमराह किया गया कि आरक्षण खतरे में है।आरक्षण बदला जाएगा। मुस्लिम कम्युनिटी में डर फैलाया गया एससी कम्युनिटी में डर फैलाया गया लेकिन लोग एक बार फेक नैरेटिव का शिकार हो सकते बार-बार नहीं उसका उदाहरण हरियाणा में दिखा। हरियाणा भी पोलराइजेशन और फेक नैरेटिव फैलाने का काम कांग्रेस ने किया लेकिन लोगों ने कांग्रेस को हरियाणा से खदेड़ दिया। हमने जो दो साल में काम किए है जिस तरीके से डेवलपमेंट का एजेंडा लेकर हम लोग सामने जा रहे हैं तो हमें लगता है कि यह फेक नैरेटिव यहां पर काम नहीं करेगा सिर्फ डेवलपमेंट का ही एजेंडा यहां पर चलेगा मुझे लगता है कि 2 साल का रिपोर्ट कार्ड हमारा एकदम फर्स्ट क्लास है। लोग भी हमें वोट फर्स्ट क्लास देंगे।
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