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नई दिल्ली: भाजपा ने दिल्ली के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं। विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए रविशंकर प्रसाद और ओपी धनखड़ को पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। यह निर्णय आज भाजपा विधायक दल की बैठक में लिया गया। पार्टी की ओर से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। वहीं, ख़बर दिल्ली के छुपे रुस्तम सीएम फेस सामने आ चुपके हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और राष्ट्रीय सचिव ओम प्रकाश धनखड़ को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता के चयन के लिए बुधवार को केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया। दिल्ली के नए मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए बुधवार शाम पार्टी की दिल्ली इकाई के कार्यालय में विधायक दल की बैठक बुलाई गई है।
भाजपा कार्यालय में शाम करीब सात बजे शुरू होने वाली विधायक दल की बैठक में पार्टी के 48 विधायक दिल्ली विधानसभा में सदन के नेता का चुनाव करेंगे, जो मुख्यमंत्री बनेंगे। बैठक भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक प्रसाद और धनखड़ की मौजूदगी में होगी। पार्टी विधायकों द्वारा नेता चुने जाने के बाद भावी मुख्यमंत्री दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से राज निवास में मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।
इस बीच, रामलीला मैदान में नई सरकार के भव्य शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। सूत्रों का कहना है कि शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार दोपहर को होगा। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके कैबिनेट सहयोगी और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। समारोह में कुछ खास मेहमानों समेत करीब 50 हजार लोगों के शामिल होने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री पद के लिए जिन नामों पर चर्चा हो रही है, उनमें प्रवेश वर्मा प्रमुख हैं। उन्होंने इस विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराया था। भाजपा की दिल्ली इकाई के पूर्व अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय, पवन शर्मा, आशीष सूद, रेखा गुप्ता और शिखा राय जैसे अन्य नेता भी मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल बताए जा रहे हैं।
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भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि जिस तरह से भाजपा ने राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री चुनकर सबको चौंकाया, उसी रणनीति के साथ वह दिल्ली में भी आगे बढ़ सकती है।
इन नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री पद के लिए सार्वजनिक रूप से चर्चा में चल रहे नामों के अलावा भी कुछ ऐसे नेता हैं जो इस दौड़ में ‘छुपे रुस्तम’ साबित हो सकते हैं। बवाना (एससी) सीट से विधायक रवींद्र इंद्राज सिंह और मादीपुर (एससी) सीट से पहली बार भाजपा के लिए जीत दर्ज करने वाले कैलाश गंगवाल को इसी आलोक में देखा जा रहा है।