कार्यक्रम में मौजूद कांग्रेस विधायक जगताप व अन्य
मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरशोर से चल रही है। राज्य के प्रमुख सियासी गठबंधनों में शामिल सियासी दलों के बीच सीटों के बंटवारे की चर्चा लगभग अंतिम दौर में पहुंच गई है। विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (MVA) में 288 विधानसभा सीटों में 20 से 22 सीटों पर ही मतभेद बाकी होने का दावा एमवीए के नेता कर रहे हैं। इसी बीच कांग्रेसी विधायक भाई जगताप की मांग से महाविकास आघाड़ी में माहौल गरमा गया है।
भाई जगताप के नाम से लोकप्रिय विधान परिषद सदस्य अशोक अर्जुनराव जगताप ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि मुंबई में कांग्रेस को कम से कम 15 सीटें मिलनी ही चाहिए। इतना ही नहीं, इस दौरान उन्होंने बांद्रा पूर्व विधानसभा सीट से अपने चुनाव लड़ने की घोषणा भी कर दी। इससे महाविकास आघाड़ी के साथ-साथ कांग्रेस के इच्छुकों में भी हड़कंप मच गया है।
केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम राज्य चुनाव आयोग द्वारा की गई तैयारियों का जायजा लेकर वापस दिल्ली लौट गई है। चुनाव आयोग ने 26 नवंबर से पहले नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी करने के संकेत दे दिए हैं। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि पितृपक्ष के बाद चुनाव आयोग महाराष्ट्र में चुनावी कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।
इसी चुनावी पृष्ठभूमि में शनिवार को चेंबूर-पूर्व के शेल कॉलोनी रोड, साईबाबा नगर स्थित समाज मंदिर हॉल में कांग्रेस का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया था। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं मुंबई प्रदेश प्रभारी यू.बी. व्यंकटेश के निर्देश पर आयोजित इस बैठक में पार्टी के क्षेत्र के मौजूदा व पूर्व सांसद, विधायक, नगरसेवकों सहित तमाम प्रमुख पदाधिकारियों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया था।
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इस बैठक में पार्टी की सांसद व मुंबई प्रदेश अध्यक्ष वर्षा गायकवाड के अलावा पूर्व सांसद हुसैन दलवई, पूर्व मंत्री नसीम खान, मुंबई प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष भाई जगताप, इब्राहिम शेख भाइजान सहित तमाम कार्यकर्ता मौजूद थे।
महाविकास आघाड़ी में सीटों के बंटवारे के लिए जीती हुई सीटों सहित मौजूदा विधायकों वाली सीट बरकरार रखने तथा शेष सीटों पर चर्चा करके जीतने में सक्षम पार्टी व उम्मीदवार की टिकट देने के फार्मूला इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन भाई जगताप ने सीटों के बंटवारे का नया फार्मूला सुझाया।
विधायक जगताप ने कहा कि जो विधायक साथ छोड़कर चले गए हैं, उस सीट पर पार्टी को दावा नहीं करना चाहिए। इसके अलावा जिस लोकसभा सीट में जिस पार्टी का सांसद है। उस पार्टी को उस लोकसभा चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 6 विधानसभा क्षेत्रों में से 3 से 4 सीटें मिलनी चाहिए। इस आधार पर उत्तर मध्य मुंबई की 4 विधानसभा सीटें कांग्रेस को मिलनी ही चाहिए।
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बताया जा रहा है कि भाई जगताप लोकसभा चुनाव लड़ने के भी इच्छुक थे। उन्होंने उत्तर मध्य मुंबई लोकसभा चुनाव क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट भी मांगा था। लेकिन उम्मीदवारी वर्षा गायकवाड़ को मिल गई। सूत्रों के अनुसार, इस पर विधायक जगताप ने दावा किया कि इस निर्णय से कांग्रेस को एक सीट का नुकसान हुआ है। क्योंकि उत्तर मध्य मुंबई और दक्षिण मध्य मुंबई कांग्रेस का गढ़ रहा है।
वर्षा, दक्षिण मध्य की अपनी परंपरागत सीट से चुनाव लड़ी होती और उत्तर मध्य से उन्हें मौका मिला होता तो कांग्रेस के मुंबई में एक के बजाय दो सांसद हो जाते। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने लोकसभा की सीटों के बंटवारे के दौरान नरम रुख अपनाया, जिससे पार्टी को नुकसान हुआ।
फिलहाल भाई जगताप के बांद्रा-पूर्व विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा के कारण महाविकास आघाड़ी के साथ-साथ कांग्रेस में टेंशन बढ़ गई है। क्योंकि कांग्रेस से तकरीबन दर्जन भर स्थानीय कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी पहले से ही चुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जा रहे हैं। जबकि कांग्रेस के प्रवक्ता एवं वर्षा गायकवाड़ के करीबी सचिन सावंत यहां पहले से चुनाव लड़ने की तैयारियों में जुटे हैं। जबकि दावा यह भी किया जा रहा है कि शिवसेना (उद्धव गुट) ने बांद्रा-पूर्व विधानसभा सीट के बदले चांदिवली विधानसभा की अपनी सीट कांग्रेस के पूर्व मंत्री नसीम खान के लिए छोड़ दी है।
2019 विधानसभा में बांद्रा-पूर्व विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस जिशान सिद्दीकी ने शिवसेना के पूर्व महापौर विश्वनाथ महाडेश्वर को हराकर चुनाव जीता था तो वहीं चांदिवली से शिवसेना के दिलीप लांडे ने कांग्रेस के नसीम खान को हराया था। ऐसे में 2019 की जीत के आधार पर बांद्रा-पूर्व पर कांग्रेस तो चांदिवली पर शिवसेना (उद्धव गुट) का दावा बनता है। लेकिन जिशान, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में चले गए हैं तो वहीं दिलीप लांडे भी शिवसेना (शिंदे गुट) में चले गए हैं।
कांग्रेस विधायक जगताप ने कहा कि मुंबई में हमने शिवसेना को बड़ा भाई माना है, तो शिवसेना से हम भी छोटे भाई जैसे सम्मानजनक बर्ताव की अपेक्षा रखते हैं। मुंबई में कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक मौजूद है। हमारे पिछले रिकॉर्डों को देखते हुए हमने मुंबई की 6 लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत 18 विधानसभा (एक लोकसभा क्षेत्र में 3 विधानसभा) सीटों की मांग की है। इसमें कम से कम हमें 15 तो मिलनी ही चाहिए।