फाइल फोटो (सोर्स: सोशल मीडिया)
मुंबई: विधानसभा में ‘जिसके ज्यादा विधायक, उसका सीएम’ फार्मूले के कारण महायुति और महाविकास आघाड़ी की प्रमुख पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस अपने गठबंधन में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपने उम्मीदवार लड़ाने का प्रयास कर रही हैं। ताकि उनके ज्यादा विधायक चुनाव जीत सकें। हालांकि दोनों गठबंधनों में शामिल शिवसेना (शिंदे गुट) और शिवसेना (उद्धव गुट) इसके लिए तैयार नहीं हैं। महायुति में शामिल शिवसेना (शिंदे गुट) कम से कम 100 तो वहीं अजित गुट 60 सीटों की मांग पर अड़ा है। अपनी मांग मनवाने के लिए शिंदे गुट ने प्रेशर गेम खेलते हुए बीजेपी और सहयोगी एनसीपी (अजित पवार) के साथ फ्रेंडली फाइट की तैयारी भी दर्शाई है।
विधानसभा में ज्यादा विधायक होने के बाद भी बीजेपी अपना मुख्यमंत्री नहीं बना पाई। इसका मलाल बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ राज्य इकाई के नेताओं, कार्यकर्ताओं को भी है। इसलिए विधानसभा चुनाव में बीजेपी अपने गठबंधन महायुति में कम से कम 160 सीटों पर अपने उम्मीदवार लड़ाना चाह रही है। ताकि चुनाव जीतने के बाद बीजेपी का मुख्यमंत्री बन सके।
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बीजेपी के नेताओं ने ऐसी इच्छा 8 सितंबर को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मुंबई दौरे के दौरान कोर कमेटी की बैठक में भी व्यक्त की थी। शाह ने भी महाराष्ट्र बीजेपी को अपने दम पर 125 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है। इससे शिवसेना शिंदे गुट और एनसीपी (अजित गुट) असमंजस में है।
मराठवाड़ा में शिवसेना के उपनेता व पूर्व मंत्री अर्जुन खोतकर ने दोस्ताना मुकाबले के बारे में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने शिवसेना और एनसीपी अजित पवार गुट को यह आश्वासन दिया है कि महायुति में घटक दलों का पूरा सम्मान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि शिवसेना-बीजेपी की युति के दौरान कई विधानसभा सीटों पर फ्रेंडली फाइट हो चुकी है।
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कुछ विधानसभा सीटों पर ऐसा स्थिति उत्पन्न हो सकती है। एक से ज्यादा इच्छुक होने पर सहयोगी पार्टी के उम्मीदवार को टिकट मिलता है तो पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं को बगावत से रोकने के लिए फ्रेंडली फाइट की जा सकती है। हालांकि अंतिम निर्णय पार्टी के प्रमुख नेता मिल बैठकर ही ले सकते हैं।
भाजपा ने उन 25 निर्वाचन क्षेत्रों में दोस्ताना मुकाबले का प्रस्ताव रखा है, जहां सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगियों के बीच खींचतान है। ऐसी खबर का बीजेपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने खंडन किया है। उन्होंने इन खबरों को निराधार बताते हुए कहा कि बीजेपी, एनसीपी (अजित पवार) और शिवसेना (शिंदे गुट) के उम्मीदवारों का पूरा समर्थन करेगी। बावनकुले की तरह उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी फ्रेंडली फाइट की खबरों का खंडन किया था।