जामिया यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन करते हुए छात्र (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के 10 से अधिक छात्रों को हिरासत में लिया है। इन दोनों छात्रों को पिछले साल विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। दरअसल, साल 2019 में जामिया विश्वविद्यालय में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया था और फायरिंग भी हुई थी।
इस मामले को लेकर कुछ छात्र इसकी सालगिरह मनाना चाहते थे, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी। अनुमति न मिलने के बाद भी छात्रों ने अन्य साथियों के साथ मिलकर कार्यक्रम आयोजित किया था। इन छात्रों को विश्वविद्यालय प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस दिया था।
नोटिस का संतोषजनक जवाब न मिलने के बाद विश्वविद्यालय इन छात्रों पर कार्रवाई करने के मूड में था, जिसके बाद इन छात्रों ने वहां हिंसक प्रदर्शन किया। छात्रों ने कैंटीन में तोड़फोड़ की और हंगामा भी किया। विश्वविद्यालय ने दावा किया कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय की संपत्ति जैसे केंद्रीय कैंटीन को नुकसान पहुंचाया और सुरक्षा सलाहकार के कार्यालय का गेट तोड़ दिया, जिसके कारण प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, विश्वविद्यालय ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए छात्रों को विरोध स्थल से हटाने के लिए पुलिस से हस्तक्षेप की मांग की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन से बातचीत के बाद शाम करीब 4 बजे 10 से अधिक छात्रों को हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए परिसर के बाहर भारी पुलिस सुरक्षा तैनात की गई है।
विश्वविद्यालय ने बयान में कहा कि कुछ छात्रों ने 10 फरवरी की शाम को अकादमिक ब्लॉक में अवैध रूप से इकट्ठा होकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया। तब से, उन्होंने न केवल कक्षाओं के शांतिपूर्ण संचालन को बाधित किया, बल्कि अन्य छात्रों को केंद्रीय पुस्तकालय और कक्षाओं में प्रवेश करने से भी रोका। विश्वविद्यालय ने आगे कहा कि छात्रों ने विश्वविद्यालय के नियमों का उल्लंघन किया और आपत्तिजनक सामग्री के साथ पकड़े गए।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया का आधिकारिक बयान
कुछ छात्रों ने दिनांक 10 फरवरी 2025 की शाम के उपरांत अकादमिक ब्लॉक में गैरकानूनी रूप से एकत्रित होने का आह्वान किया । तब से उन्होंने न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक ब्लॉक में कक्षाओं के शांतिपूर्ण ढंग से संचालित होने को बाधित किया…
— Jamia Millia Islamia (NAAC A++ Grade Central Univ) (@jmiu_official) February 13, 2025
विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, दीवारों को तोड़ने और कक्षाओं में व्यवधान को देखते हुए कदम उठाए हैं ताकि शैक्षणिक गतिविधियां सामान्य रूप से चल सकें। विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को एक समिति के माध्यम से अपने मुद्दों पर चर्चा करने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन छात्रों ने प्रशासन, पर्यवेक्षक, विभागाध्यक्ष और डीन के साथ बातचीत करने से इनकार कर दिया।
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छात्र नेता सोनाक्षी ने पीटीआई को बताया कि प्रदर्शनकारियों की चार मुख्य मांगें हैं। पहला, दो पीएचडी छात्रों को जारी कारण बताओ नोटिस रद्द करना, दूसरा, 2022 के कार्यालय ज्ञापन को रद्द करना जो परिसर में प्रदर्शनों पर रोक लगाता है और तीसरा, भित्तिचित्र और पोस्टर के लिए 50,000 रुपये का जुर्माना खत्म करना और भविष्य में प्रदर्शन में भाग लेने वाले छात्रों के खिलाफ किसी भी अनुशासनात्मक कार्रवाई को रोकना।