दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुछ ही दिन बाकी हैं ऐसे में सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। पार्टियों ने वादों का पिटारा खोल दिया है। पिछले चुनाव में आम आदमी पार्टी को सबसे ज्यादा सीट मिली थी। वहीं बीजेपी आठ सीटों तक ही सिमट कर रह गई। बता दें कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में वजीरपुर सीट भी शामिल है।
दिल्ली राज्य विधानसभा 17 मार्च 1952 को पार्ट सी राज्य सरकार अधिनियम, 1951 के तहत अस्तित्व में आई। वर्ष 1952 में विधानसभा में 48 सदस्य थे। दिल्ली विधानसभा को 1 नवंबर 1956 में समाप्त कर दिया और इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार दिल्ली में विधानसभा चुनाव 1993 में हुए।
विधानसभा चुनाव 2020 में आम आदमी पार्टी को जबदस्त जीत मिली थी। जहां आप नेता राजेश गुप्ता ने बीजेपी के डॉ. महेंद्र नागपाल को 11690 वोटों से हराया। पिछले चुनावों में आप ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार वजीरपुर सीट से मौजूदा विधायक राजेश गुप्ता को उतारा गया है। वहीं बीजेपी ने पूनम शर्मा और कांग्रेस ने रागिनी नायक को टिकट दिया है।
साल 2015 की बात करें तो वजीरपुर सीट से आप के राजेश गुप्ता को डॉ. महेंद्र नागपाल ने हराया था। वहीं साल 2013 में कांग्रेस और बीजेपी के अलावा आप भी सियासी मैदान में शामिल थी। इस बार आप और बीजेपी में कड़ा मुकाबला देखने को मिला। जिसमें बीजेपी के डॉ. महेंद्र नागपाल ने प्रवीण कुमार को हराया था।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में वजीरपुर सीट से 2008 , 2003 और 1998 में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। वहीं साल 1993 में बीजेपी के पास बहुमत था। हालांकि बीजेपी ने इस सीट पर सिर्फ दो बार ही अपना कब्जा किया है। आप पार्टी के गठन के बाद दिल्ली में उन्होंने सत्ता पक्ष को कड़ी टक्कर दी और जीत हासिल करने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी जीत का हैट्रिक लगा सकती है। लेकिन कांग्रेस और बीजेपी भी उन्हें कड़ा मुकाबला देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इस सीट पर इस बार नौ उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।