पुलिस ने एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टा गिरोह का पर्दाफाश किया (फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: ग्रेटर नोएडा में एक फर्जी अपहरण की जांच ने पुलिस को एक अंतरराष्ट्रीय सट्टा रैकेट तक पहुंचा दिया। शुरू में अपहरण की शिकायत आई थी, लेकिन जब पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि पूरी कहानी एक जालसाजी थी, जिसके जरिए 7 लाख की फिरौती वसूली का प्रयास किया गया। इसी कड़ी में पुलिस को ऐसे सुराग मिले, जिन्होंने 30 लाख रुपये प्रतिदिन कमाने वाले एक सट्टा गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। यह गिरोह ‘RUDRA CRIC LIVE’ ऐप के जरिए क्रिकेट पर ऑनलाइन सट्टा चला रहा था और इसका संचालन दुबई व थाईलैंड से हो रहा था।
पुलिस ने गौर सिटी और राधा स्काई गार्डन से दबिश देकर आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से बड़ी संख्या में मोबाइल, लैपटॉप, सिम कार्ड, फर्जी दस्तावेज और बैंकिंग सामग्री बरामद की गई है। गिरोह ग्राहकों को व्हाट्सएप के जरिए सट्टे की आईडी देता था और फिर ऐप पर ओवर, रन, विकेट और जीत-हार पर दांव लगवाता था। पुलिस अब इस गिरोह के बैंक खातों को फ्रीज कर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में जुट गई है।
झूठे अपहरण से मिली सुराग की डोर
राजस्थान के दो युवकों के अपहरण की सूचना से शुरू हुई जांच में पुलिस को व्हाइट ऑर्किड अपार्टमेंट में सट्टेबाजों की गतिविधियों का पता चला। पकड़े गए आरोपियों में एक युवक ने कबूल किया कि अपहरण की कहानी उसने खुद गढ़ी थी।
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ऐप से लाखों की कमाई, विदेशी कनेक्शन भी उजागर
सट्टेबाजी में इस्तेमाल हो रहे ‘RUDRA CRIC LIVE’ ऐप पर रोजाना करोड़ों के दांव लगाए जाते थे। गिरोह की कमाई फर्जी खातों से विदेशी खातों में भेजी जाती थी। पुलिस अब उन सोशल मीडिया प्रमोटर्स को भी चिन्हित कर रही है, जिन्होंने इस ऐप का प्रचार किया। DCP ग्रेटर नोएडा शाद मियां खान ने बताया, 12 जून को अपहरण की सूचना मिली थी। जांच में पता चला कि यह सट्टा लगाने वाले गिरोह द्वारा बनाई गई झूठी कहानी थी। गिरोह थाईलैंड और दुबई से संचालित हो रहा था। 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। बड़ी मात्रा में मोबाइल, लैपटॉप, सिम कार्ड और फर्जी दस्तावेज बरामद किए गए हैं। बैंक खाते फ्रीज किए जा रहे हैं और सोशल मीडिया प्रमोटरों को नोटिस भेजे जाएंगे।