प्रतीकात्मक फोटो, सोर्स- AI
Artificial Rain in Delhi-NCR: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम बारिश) का ट्रायल किया गया। IIT कानपुर के सहयोग से किए गए इस ट्रायल पर अब सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि तीन घंटे से चार घंटे बीत जाने के बाद भी दिल्ली के किसी भी इलाके में बारिश नहीं हुई है।
राजधानी दिल्ली में आज दोपहर क्लाउड सीडिंग के कई ट्रायल किए गए। अधिकारियों ने दावा किया था कि इस ट्रायल के बाद 15 मिनट से लेकर 4 घंटे के भीतर बारिश शुरू हो सकती है। हालांकि, ट्रायल के तीन घंटे बाद भी आसमान साफ नजर आ रहा है।
दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिरसा ने इस ट्रायल की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि इस पूरे प्रोसेस में लगभग आधा घंटा लगा था, जिसमें पायरो तकनीक का उपयोग करते हुए 8 क्लाउड सीडिंग फ्लेयर्स छोड़े गए थे। एक फ्लेयर 2.5 किलोग्राम की होती है और यह लगभग दो से ढाई मिनट तक चलती है। इस ट्रायल के बाद बाहरी दिल्ली के इलाकों में हल्की बूंदाबांदी के साथ बारिश होने की संभावना जताई गई थी।
बारिश न होने पर आप (AAP) ने दिल्ली की रेखा सरकार पर निशाना साधा है और इसे आर्टिफिशियल रेन के नाम पर फर्जीवाड़ा बताया है। AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने एक वीडियो बनाकर इस ट्रायल पर तीखे सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि “इंद्र देवता भी सरकार का साथ नहीं दे रहे”। उन्होंने लिखा कि कृत्रिम वर्षा का कोई नामुनिशान नहीं दिख रहा है, और सरकार ने सोचा होगा-
सौरभ भारद्वाज ने यह भी कहा कि कल (27 अक्टूबर) शाम को थोड़ी बहुत बारिश हो भी रही थी, लेकिन अब तो जो थोड़े बहुत बादल दिख रहे थे, वो भी चले गए हैं।
इस सफल ट्रायल के लिए आईआईटी कानपुर के एक सेसना एयरक्राफ्ट ने मेरठ से उड़ान भरी। क्लाउड सीडिंग का ट्रायल खेकरा, बुराड़ी, नार्थ करोल बाग, मयूर विहार, सड़कपुर और भोजपुर जैसे इलाकों में किया गया। मंत्री सिरसा ने बताया था कि बारिश की संभावना बादलों में नमी की मात्रा पर निर्भर करती है।
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फिलहाल, दिल्ली में नमी कम है, क्योंकि मौसम विभाग द्वारा अनुमानित तापमान सामान्य से 3 डिग्री कम है। दिल्ली में अब तक क्लाउड सीडिंग के तीन ट्रायल हो चुके हैं।