दिल्ली हाई कोर्ट (Image- Social Media)
नई दिल्ली: न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में नकदी मिलने का मामला देश भर में चर्चा में है। बातत महाभियोग तक पहुंच गई है तो वहीं जज खुद सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रहे हैं। इसी तरह जमानत दिलाने के नाम पर राउज एवेन्यू कोर्ट के एक जज के रिश्वत लेने का माला सामने आया था। इस पर भी खूब हंगामा हुआ। अब साकेत कोर्ट के एक जज द्वारा पुलिस से उगाही करने का मामला सामने आया है। पुलिस के आरोप से हड़कंप मच गया है।
जज पर पुलिस ने आरोप लगाया है कि साकेत कोर्ट के प्रथम श्रेणी न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट के जिम व फूलों का हर महीने का खर्च निजामुद्दीन थाना पुलिस उठाती थी।उन पर आरोप लगाया गया है कि जज पुलिस वालों से निजी काम करने का भी दबाव बनाते थे।
जज के व्यवहा से परेशान होकर पुलिसकर्मियों ने दिल्ली हाई कोर्ट से इस मामले की शिकायत की। शिकायत में लगाए गए आरोपों पर हाई कोर्ट ने एक्शन लिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल अरुण भारद्वाज ने संबंधित जज को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक तीस हजारी कोर्ट के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कार्यालय से संबद्ध किए जाने का आदेश जारी किया। कोर्ट द्वारा ये आदेश 15 जुलाई को जारी किया गया।
पुलिसवालों ने जज पर आरोप लगाया है कि जज ने निजामुद्दीन थाना पुलिस से अपना जिम का एक साल का सब्सक्रिप्शन कार्ड जारी कराया। साथ ही जज के हर महीने उपलब्ध कराए जाने वाले फूलों का तीन हजार रुपये का भुगतान बी इंस्पेक्टर व स्टाफ करते थे।
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यहां तक कि जज पर यह भी आरोप है कि जज के कहने पर पुलिस ने मेरठ से क्रिकेट बैट व ग्लब्स मंगवाए थे और इसके लिए 21 हजार रुपये का भुगतान भी किया था। शिकायत में ये भी आरोप लगाया गया है कि बाद में निजी मांगें पूरी नहीं करने पर जज किसी न किसी बात का मुद्दा बनाकर अदालत बुलाते थे। वहां पर जज इंस्पेक्टर को अपमानित करते थे।