सीएनजी के दाम
नई दिल्ली : दिल्ली में भाजपा सरकार 27 सालों के बाद आई है। जनता को महंगाई और अन्य व्यवस्था में सुधार की आस है। ऐसे में यहां सीएनजी के दाम बढ़ने के संकेत दिखने लगे हैं। ऐसा हुआ तो विपक्ष इसे मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरने का प्रयास करेगा। सरकार ने सोमवार को एडमिनिस्टर्ड प्राइस सिस्टम (एपीएम) के अंतर्गत आने वाले पुराने क्षेत्रों से उत्पादित प्राकृतिक गैस के दाम चार प्रतिशत बढ़ाए हैं। इसके अंतर्गत उत्पादित होने वाली सीएनजी गैस, बिजली और फर्टीलाइजर के उत्पादन होने वाला ये कच्चा माल है। ऐसे में एपीएम गैस के दाम बढ़ने से सीएनजी में भी इजाफा हो सकता है।
पेट्रोलियम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले पेट्रोलियम योजना और विश्लेषण प्रकोष्ठ के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एपीएम गैस की कीमत एक अप्रैल से 6.50 डॉलर प्रति यूनिट से बढ़ाकर 6.75 डॉलर प्रति यूनिट की गई है। एपीएम गैस सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) और ऑयल इंडिया लि. (OIL) की ओर से उन क्षेत्रों से उत्पादित की जाती है, जो उन्हें नामांकन के आधार पर दिए गए थे। इनमें उत्पन्न गैस का प्रयोग कच्चे माल के रूप में पाइप के जरिए रसोई गैस के साथ वाहनों के लिए सीएनजी, फर्टीलाइजर तथा बिजली जेनरेट करने के लिए किया जाता है।
जानकारी के मुताबिक दो साल में एपीएम गैस की कीमत में यह पहली बार वृद्धि हुई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अप्रैल 2023 में घरेलू स्तर पर उत्पादित प्राकृतिक गैस के थोक मूल्य को कच्चे तेल के मासिक औसत आयात मूल्य के 10 प्रतिशत पर निर्धारित करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को स्वीकार किया था। इसमें चार डॉलर प्रति 10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट की न्यूनतम कीमत और 6.5 डॉलर की अधिकतम सीमा तय की गई। सरकार ने इसके साथ 2027 में पूर्ण विनियमन तक 0.50 डॉलर प्रति यूनिट की सालाना वृद्धि की सिफारिश में बदलाव किया।
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मंत्रिमंडल ने फैसला किया है कि दो साल तक दरों में बदलाव नहीं किया जाएगा। उसके बाद सालाना 0.25 डॉलर की वृद्धि की जाएगी। सोमवार को घोषित बढ़ोतरी उसी फैसले के आधार पर किया गया है। एपीएम गैस की हिस्सेदारी कुल घरेलू गैस उत्पादन में 70 प्रतिशत है। एपीएम गैस शहर के गैस वितरकों को सीएनजी और घरों में पाइप के जरिए रसोई गैस आपूर्ति के लिए दी जाती है जो कि कुल बिक्री का 60 फीसदी ही है।