दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता, फोटो - नवभारत आर्काइव
नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने राजधानी में डमी स्कूलिंग के बढ़ते मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। हाल ही में सरकार ने जिला मजिस्ट्रेट (DM) की निगरानी में एक विशेष निरीक्षण अभियान शुरू किया, जिसके तहत राजधानी के कई स्कूलों की जांच की गई। इस कार्रवाई के दौरान 10 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है और जिन स्कूलों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं, उनके खिलाफ मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
डमी स्कूलिंग एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें छात्र केवल कागजो पर स्कूल में नामांकित होते हैं, लेकिन वे नियमित कक्षाओं में शामिल नहीं होते। ऐसे छात्र आमतौर पर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोचिंग संस्थानों पर निर्भर रहते हैं, जबकि स्कूल केवल औपचारिकता निभाता है। यह न केवल शिक्षा व्यवस्था के साथ धोखा है, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के अधिकारों का भी हनन है।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, अब तक 20 से अधिक स्कूलों की पहचान की जा चुकी है जो इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल हैं। जिला मजिस्ट्रेट के साथ इस जांच अभियान में वरिष्ठ शिक्षाविद और शिक्षा निदेशालय के अधिकारी भी शामिल थे। यह कदम मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के उस निर्देश के बाद आया है जिसमें उन्होंने निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वृद्धि के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे।
दरअसल, मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान कई अभिभावकों ने इस मुद्दे को उठाया था। एक मामला मॉडल टाउन स्थित क्वीन मैरी स्कूल से जुड़ा है, जहां फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावकों में भारी आक्रोश देखा गया। इस पर तुरंत संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री गुप्ता ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि ऐसे सभी स्कूलों की पहचान कर उन्हें नोटिस जारी किया जाए।
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मुख्यमंत्री ने सख्त लहजे में कहा, “कोई भी स्कूल बच्चों और अभिभावकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकता, उन्हें निष्कासन की धमकी नहीं दे सकता और बिना प्रक्रिया के फीस नहीं बढ़ा सकता। जो स्कूल नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन्हें कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।”