डिप्टी सेक्रेटरी की मौत के मामले में आरोपी महिला गिरफ्तार, फोटो- सोशल मीडिया
Delhi BMW Road Accident: दिल्ली में कार के टक्कर में वित्त मंत्रालय के उप सचिव नवजोत सिंह की मौत हो गई थी। कार चली रही गगनप्रीत की जमानत याचिका पर अब 17 सितंबर यानी कल को सुनवाई होगी, इसी दिन उसकी हिरासत भी समाप्त हो रही है।
गगनप्रीत की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा ने कोर्ट में पैरवी करते हुए जमानत याचिका दाखिल की। याचिका में एफआईआर दर्ज करने में देरी, डीसीपी द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान जैसे बिंदुओं को आधार बनाया गया है। कोर्ट ने इस पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।
घटना 14 सितंबर की रात की है, जब नवजोत सिंह अपनी पत्नी के साथ बाइक पर जा रहे थे। अचानक एक तेज रफ्तार BMW डिवाइडर से टकरा कर पलट गई और उनकी बाइक उसकी चपेट में आ गई। टक्कर के बाद नवजोत सड़क पर गिरकर पास से गुजर रही बस से टकरा गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। उस समय गाड़ी गगनप्रीत चला रही थी, जिसमें उनके पति परीक्षित मक्कड़, दो छोटे बच्चे और एक मेड सवार थे।
पुलिस के अनुसार, गगनप्रीत का बयान स्वतंत्र साक्ष्यों से मेल खा रहा है। सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान मामले की जांच में मुख्य सबूत बन रहे हैं। पुलिस ने यह भी कहा कि गगनप्रीत के पति अस्पताल में भर्ती हैं और उनके ठीक होते ही कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गगनप्रीत ने अपना बचाव करते हुए कहा कि वह हादसे के बाद घबरा गई थी और मदद करने की पूरी कोशिश की। उसने नवजोत सिंह को उस अस्पताल में पहुंचाया, जहां उसके बच्चों का इलाज पहले हुआ था। गगनप्रीत का दावा है कि उसने नवजोत और उनकी पत्नी की मदद करने की कोशिश की, हालांकि उसकी खुद की बेटी भी घायल थी।
VIDEO | Delhi: Visuals of the BMW car parked outside Delhi Cantt Police Station, involved in the Dhaula Kuan crash which was involved in the crash that killed a senior Finance Ministry official and left his wife injured in Dhaula Kuan. #DelhiBMWAccident
(Full video available… pic.twitter.com/QUpfbyyJgX
— Press Trust of India (@PTI_News) September 16, 2025
वहीं अस्पताल प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि नवजोत को मृत अवस्था में लाया गया था और उनकी पत्नी को प्राथमिक उपचार के बाद परिवार के अनुरोध पर रेफर कर दिया गया। हालांकि नवजोत के परिवार ने गगनप्रीत के इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया। उनका आरोप है कि जानबूझकर गलत अस्पताल ले जाया गया ताकि समय पर इलाज न मिल सके और आरोपी खुद बच जाए। उनका कहना है कि अगर नवजोत को एम्स ट्रॉमा सेंटर या आर्मी अस्पताल ले जाया जाता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी।
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घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का भी यही कहना है कि गाड़ी में सवार बच्चों को स्थानीय लोगों ने बाहर निकाला। वहीं, टेंपो चालक गुलफाम ने बताया कि उसने नवजोत और उनकी पत्नी को अपनी वैन में बैठाया और गगनप्रीत से नजदीकी अस्पताल चलने को कहा, लेकिन वह दूर ले गईं।