राजलक्ष्मी (सोर्स- सोशल मीडिया)
भुवनेश्वर: ओडिशा में एक महिला को उसी लड़की ने मौत के घाट उतार दिया, जिसने उसे वर्षों पहले गोद लिया था। नाबालिग लड़की ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपनी मां को प्रॉपर्टी और ज्वेलरी के लिए मार डाला। राजलक्ष्मी कर ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि जिस अनाथ और बेसहारा बच्ची को उसने सड़क किनारे से उठाकर अपने सीने से लगाया था, अपनी बेटी की तरह पाला था, बड़ी होकर वो ही उसकी कातिल बन जाएगी।
मामला ओडिशा का है, जहां एक तीन साल की लड़की को कोई सड़क किनारे छोड़ गया था। राजलक्ष्मी ने इस बच्ची को गोद लिया और अपनी बेटी की तरह पाला, लेकिन जब वह बड़ी हुई, तो उसने 2 दोस्तों की मदद से अपनी इस मां की ही हत्या कर दी।
पुलिस के अनुसार, 8वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा ने अपने दो पुरुष मित्रों के साथ मिलकर 29 अप्रैल को गजपति जिले के परलाखेमुंडी शहर में किराए के घर में अपनी मां 54 वर्षीय राजलक्ष्मी की हत्या की साजिश रची। पुलिस के मुताबिक, हत्या का मकसद राजलक्ष्मी का अपनी बेटी के 2 लड़कों के साथ संबंधों का विरोध करना और उसकी प्रॉपर्टी हासिल करना था।
बेटी ने कथित तौर पर राजलक्ष्मी को नींद की गोलियां खिलाईं और फिर तकिए से उसका मुंह दबा दिया। इसके बाद महिला को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। अगले दिन, उसके शव का अंतिम संस्कार भुवनेश्वर में उसके रिश्तेदारों की मौजूदगी में किया गया, जिन्हें बताया गया कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई थी। सब कुछ लड़की की प्लानिंग के मुताबिक चल रहा था। किसी को शक भी नहीं हुआ कि राजलक्ष्मी को दिल का दौरा नहीं पड़ा, बल्कि उसकी हत्या हुई है।
राजलक्ष्मी की हत्या को 15 दिन बीत गए थे। तब तक किसी को लड़की पर शक नहीं हुआ। इस बीच राजलक्ष्मी के भाई सिबा प्रसाद मिश्रा को लड़की का मोबाइल फोन मिला, जिसे भुवनेश्वर में छोड़ दिया गया था। मोबाइल की जांच से इंस्टाग्राम पर हुई बातचीत का पता चला, जिसमें हत्या की योजना के बारे में विस्तार से बताया गया था।
यह ख़बर आपको हैरानी में डाल देगी, ओड़िशा में एक महिला को एक तीन दिन की बच्ची सड़क पर पड़ी मिली, वह उसे वहाँ से उठाकर अपने घर लाई, महिला ने अकेले ही उस लड़की को पाला, अभी लड़की 13 साल की हो गई थी, तो लड़की के कुछ प्रेम संबंध हो गए, उस महिला ने उसे इन सबसे रोका तो उस लड़की ने… pic.twitter.com/7R8Vqthilt — Jaiky Yadav (@JaikyYadav16) May 17, 2025
चैट में राजलक्ष्मी की हत्या और उसके सोने के गहने और नकदी को अपने कब्जे में लेने के बारे में खासतौर से प्लानिंग की गई थी। ये खुलासा होने के बाद मिश्रा ने 14 मई को परलाखेमुंडी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद की जांच में तीन आरोपियों, किशोरी लड़की, मंदिर के पुजारी गणेश रथ (21) और उसके दोस्त दिनेश साहू (20) को गिरफ्तार किया गया, जो दोनों उसी शहर के रहने वाले हैं।
गजपति के पुलिस अधीक्षक (एसपी) जतिंद्र कुमार पांडा के अनुसार, राजलक्ष्मी और उनके पति को लगभग 14 साल पहले भुवनेश्वर में सड़क किनारे एक नवजात बच्ची मिली थी। दंपति निःसंतान थे, इसलिए उन्होंने बच्ची को अपने पास रख लिया और उसे अपने बच्चे की तरह पाला। राजलक्ष्मी के पति की एक साल बाद ही मृत्यु हो गई। तब से, उन्होंने अकेले ही बच्ची का पालन-पोषण किया।
कई साल पहले, वह अपनी बेटी को केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाने के लिए परलाखेमुंडी चली गईं, उन्होंने उसे वहीं दाखिला दिलाया और शहर में एक घर किराए पर ले लिया। कहा जाता है कि उसी समय लड़की ने रथ और साहू के साथ संबंध बना लिए, जो उससे उम्र में काफी बड़े थे। राजलक्ष्मी ने कथित तौर पर इस रिश्ते पर आपत्ति जताई, जिससे उसके और लड़की के बीच तनाव पैदा हो गया।
पुलिस के अनुसार, रथ ने कथित तौर पर लड़की को हत्या करने के लिए उकसाया। रथ ने उसे आश्वस्त किया कि राजलक्ष्मी की हत्या करके, वे बिना किसी विरोध के अपने रिश्ते को जारी रख सकते हैं और उसकी संपत्ति पर कब्जा कर सकते हैं। 29 अप्रैल की शाम को लड़की ने कथित तौर पर अपनी मां को नींद की गोलियां दीं।
जब राजलक्ष्मी बेहोश हो गई, तो उसने रथ और साहू को बुलाया। तीनों ने कथित तौर पर तकिए से राजलक्ष्मी का दम घोंट दिया। पीड़िता को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। आरोपी ने परिवार के सदस्यों और अस्पताल के कर्मचारियों को बताया कि उसे दिल का दौरा पड़ा था। राजलक्ष्मी को पहले से ही दिल की बीमारी थी, इसलिए दावे पर सवाल नहीं उठाया गया।
पुलिस के अनुसार, लड़की ने पहले राजलक्ष्मी के कुछ सोने के गहने रथ को सौंप दिए थे। उसने कथित तौर पर उन्हें लगभग 2।4 लाख रुपये में गिरवी रख दिया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से लगभग 30 ग्राम सोने के आभूषण, तीन मोबाइल फोन और अपराध में कथित रूप से प्रयुक्त दो तकिए बरामद किए।