फाइल फोटो
3 Naxalites Killed In An Encounter: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में रविवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 14 लाख रुपये के इनामी तीन नक्सली मारे गए। मुठभेड़ कांकेर और गरियाबंद जिलों की सीमा पर छिंदखड़क गांव के पास एक पर्वतीय वनक्षेत्र में हुई, जहां सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान के लिए निकली थी। डीआरजी और बीएसएफ के जवान इस अभियान में शामिल थे।
घटनास्थल से एक महिला नक्सली समेत तीन नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं, साथ ही एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर), एक 303 राइफल, 12 बोर की एक बंदूक और नक्सलियों से संबंधित अन्य सामग्री भी मिली है। प्रथम दृष्टया मृतकों की पहचान माओवादियों की सीतानदी-रावस एरिया कमेटी के सचिव सरवन मड़कम उर्फ विश्वनाथ, नगरी एरिया कमेटी के एरिया कमेटी सदस्य राजेश उर्फ राकेश हेमला और मैनपुर-नुआपाड़ा सुरक्षा टीम की सदस्य बसंती कुंकजाम उर्फ हिड़मे के रूप में हुई है। मड़कम और हेमला पर करीब आठ लाख और पांच लाख रुपये का इनाम था, जबकि कुंजम पर एक लाख रुपये का इनाम था।
हालिया कार्रवाई के साथ इस साल छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ की अलग-अलग घटनाओं में अब तक 252 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 223 नक्सली बस्तर संभाग में मार गिराए गए। बस्तर संभाग में कांकेर सहित सात जिले शामिल हैं, जबकि 27 नकस्ली गरियाबंद में मारे गए, जो रायपुर संभाग में आता है। दुर्ग संभाग के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में दो अन्य नक्सली मारे गए। 22 सितंबर को नक्सलियों के दो शीर्ष कैडर राजू दादा उर्फ कट्टा रामचंद्र रेड्डी और कोसा दादा उर्फ कदारी सत्यनारायण रेड्डी नारायणपुर जिले में एक मुठभेड़ में मारे गए। दोनों प्रतिबंधित संगठन भाकपा(माओवादी) की केंद्रीय समिति के सदस्य थे।
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इस मामले में वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब समय आ गया है कि नक्सली हिंसा का रास्ता छोड़ दें और सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर मुख्यधारा में शामिल हों। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर वे अवैध और हिंसक गतिविधियां जारी रखते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।