छत्तीसगढ़ विधानसभा सोर्स - सोशल मीडिया
रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में कांग्रेस विधायकों ने पंचायत चुनावों में धांधली और सत्ता के दुरुपयोग का मुद्दा उठाते हुए सरकार से जवाब मांगा। जब सरकार की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो कांग्रेस विधायकों ने सदन में जोरदार नारेबाजी की और वॉकआउट कर दिया। कांग्रेस विधायक अनिल भेड़िया ने आरोप लगाया कि डोंडी लोहारा में कांग्रेस समर्थित प्रत्याशियों को शपथ लेने से रोका गया। सावित्री मंडावी ने भानुप्रतापपुर और चरामा जनपद पंचायत में भी गड़बड़ी का आरोप लगाया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है।
शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायकों ने पंचायत चुनावों में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। उनका आरोप था कि सत्ता पक्ष लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहा है और विपक्षी समर्थकों को रोका जा रहा है। जब सरकार ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया, तो कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा किया और बाद में वॉकआउट कर दिया।
कांग्रेस विधायक राघवेंद्र कुमार सिंह ने खनिज मद की राशि में गड़बड़ी का मामला उठाया। डिप्टी सीएम अरुण साव ने स्वीकार किया कि अनियमितता हुई है और छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 2.13 करोड़ रुपये की राशि में 56 कार्य स्वीकृत हुए, जिनमें से कई कार्यों में नियमों का उल्लंघन किया गया। कई काम बिना उचित प्रक्रिया के कराए गए और एक ही फर्म को भुगतान करने का भी आरोप है। सरकार ने जांच के लिए मुख्य अभियंता के नेतृत्व में टीम गठित की है और रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या दोषियों पर अपराध दर्ज होगा, लेकिन सरकार ने स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
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नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इन्वेस्ट मीट को लेकर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल 31 उद्योगपतियों के नाम गिना रही है, लेकिन किसी का निवेश तय नहीं हुआ। दिल्ली और मुंबई में करोड़ों रुपये खर्च हुए, लेकिन ठोस नतीजे नहीं मिले। उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि सरकार प्रयास कर रही है और निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।