माओवादियों के लिए नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति
रायपुर: छत्तीसगढ़ में माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रयास को एक नई दिशा मिली है। राज्य सरकार ने माओवाद प्रभावित इलाकों में शांति बहाली और हिंसा पर लगाम लगाने के उद्देश्य से नई आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति लागू की है। इस नीति के तहत जो माओवादी हथियार छोड़कर समाज की ओर लौटना चाहते हैं, उन्हें सरकार नकद प्रोत्साहन राशि, शिक्षा, प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करेगी। यह नीति उन लोगों को एक सुरक्षित भविष्य की राह दिखाने का प्रयास है जो वर्षों से हिंसा के रास्ते पर चल रहे थे।
इस नई नीति के अंतर्गत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को उनके हथियार के प्रकार के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। जिनके पास हथियार नहीं हैं, उन्हें भी पचास हजार रुपये की नकद सहायता दी जाएगी। वहीं एलएमजी या एके-47 जैसे घातक हथियार जमा करने वालों को लाखों रुपये तक की प्रोत्साहन राशि मिल सकती है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को सुरक्षा के साथ शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार के माध्यम से नए जीवन की शुरुआत करने का मौका दिया जाएगा।
हथियार के बदले मुआवजा
सरेंडर करने वालों को उनके जमा किए गए हथियारों के आधार पर अलग-अलग मुआवजा मिलेगा, जो एके-47 जैसे हथियारों पर लाखों में हो सकता है। बता दें कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को सुरक्षा दी जाएगी तथा शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और स्वरोजगार के माध्यम से नया जीवन शुरू करने का अवसर दिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ की अन्य लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें
सुरक्षा और पुनर्वास की गारंटी
सरकार ने आश्वासन दिया है कि आत्मसमर्पण करने वालों को न केवल सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उन्हें समाज में सम्मानजनक जीवन शुरू करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग दिया जाएगा। सरकार का कहना है कि इस नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को उनके हथियार के प्रकार के अनुसार मुआवज़ा दिया जाएगा। जिनके पास हथियार नहीं हैं, उन्हें भी 50,000 रुपये की नकद सहायता दी जाएगी। एलएमजी या एके-47 जैसे घातक हथियार आत्मसमर्पण करने वालों को लाखों रुपये तक की प्रोत्साहन राशि मिल सकती है।