Year Ender 2024: इस साल सड़क से संसद तक छाया रहा NEET पेपर लीक का मुद्दा, जानें अब तक क्या-क्या हुआ?
नवभारत डेस्क: नीट-यूजी का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए किया जाता है। इस साल यह परीक्षा पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। परीक्षा में 23 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इका परिणाम आने के बाद पेपर लीक का मामला सामने आया था।
इस साल नीट पेपर लीक का मुद्दा पूरे देश में छाया रहा। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद संसद सत्र में भी इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ। फिलहाल इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने ‘नीट यूजी’ परीक्षा पेपर लीक मामले में शुक्रवार को गिरोह के प्रमुख सदस्य अमित कुमार सिंह सहित पांच लोगों के खिलाफ पांचवां पूरक आरोप-पत्र दाखिल किया। झारखंड के बोकारो निवासी सिंह ने कथित तौर पर लीक की साजिश रची और उसे अंजाम दिया था।
अधिकारियों ने बताया कि पटना में विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दाखिल आरोप-पत्र में एजेंसी ने आरोप लगाया है कि सिंह गिरोह का मुख्य षड्यंत्रकारी था तथा उसे बिहार और झारखंड में अभ्यर्थियों को लीक किये गए प्रश्नपत्र वितरित करने में बोकारो के सुदीप कुमार और युवराज कुमार, नालंदा (बिहार) के अभिमन्यु पटेल एवं पटना के अमित कुमार ने मदद की थी।
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि “नीट पेपर लीक मामले में दाखिल आरोप-पत्रों में नामजद आरोपियों की संख्या 45 हो गई है और वे सभी अब भी न्यायिक हिरासत में हैं।” सीबीआई ने 23 जून को जांच अपने हाथ में ले ली थी।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि आरोप-पत्र भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं जैसे 120-बी, 109, 409, 420, 380, 201 और 411 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (जैसा कि 2018 में संशोधित) की धारा 13(2) के साथ धारा 13(1) (ए) के तहत दाखिल किया गया है।
बयान में कहा गया है कि “प्रश्नपत्र चोरी या कदाचार के लाभार्थी उम्मीदवारों के नाम और एमबीबीएस छात्र के नाम, जिन्होंने चोरी किए गए प्रश्नपत्र को हल किया था, या वास्तविक अभ्यर्थी की जगह परीक्षा में शामिल हुए थे, उनकी पहचान पहले ही कर ली गई है और उन्हें राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी/ शिक्षा मंत्रालय के साथ साझा किया गया है।”