उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में हुई 11 फरवरी 2024 को समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के दौरान पेपर लीक की घटना ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सत्र को पटरी से उतार दिया है। आयोग को आयोग की सबसे प्रतिष्ठित पीसीएस भर्ती को समय पर पूरा करने में कम से कम डेढ़ से दो साल का समय लगेगा। परीक्षाओं में सामान्यीकरण के खिलाफ नवंबर में हुए ऐतिहासिक आंदोलन से उबर चुका आयोग अब अपने सत्र को पटरी पर लाने की रणनीति में जुट गया है।
अभी जो हालात दिख रहे हैं, उनमें अगले साल तक पीसीएस सत्र नियमित होने की उम्मीद है। आरओ/एआरओ पेपर लीक होने के बाद आयोग को पीसीएस-2024 परीक्षा भी रद्द करनी पड़ी। पीसीएस-2024 की प्रारंभिक परीक्षा 22 दिसंबर को कराने के बाद आयोग अब 29 जून से इसकी मुख्य परीक्षा कराने कोशिश में है। प्रयास चल रहा है कि इस साल के अंत तक पीसीएस-2024 की चयन प्रक्रिया पूरी कर ली जाए।
पीसीएस 2024 में देरी की वजह से PCS 2025 की परीक्षा पर असर
PCS-2024 में देरी का ही नतीजा है कि पीसीएस-2025 की प्रारंभिक परीक्षा 12 अक्तूबर तक के लिए प्रस्तावित कर दी गई है। अगर पीसीएस-2025 की मुख्य परीक्षा अगले साल होती है तो इसका असर पीसीएस-2026 की प्रारंभिक परीक्षा पर भी जरूर पड़ेगा। हालांकि पीसीएस सत्र को पटरी पर लाने के लिए आयोग इसी साल दिसंबर से पीसीएस-2026 की भर्ती के लिए आवेदन लेने की तैयारी में है। आयोग की योजना कैलेंडर वर्ष 2026 में ही पीसीएस-26 की चयन प्रक्रिया पूरी करने की है।
पैपर लीक होने की वजह से हुआ UPPSC का ट्रेक रिकॉर्ड खराब
रिकॉर्ड समय में रिजल्ट देने वाले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का ट्रैक रिकॉर्ड पेपर लीक होने से खराब हो गया था। आयोग ने महज आठ महीने नौ दिन में पीसीएस-2023 का अंतिम परिणाम घोषित कर रिकॉर्ड कायम किया था। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 14 मई 2023 को हुई थी और अंतिम चयन परिणाम 23 जनवरी 2024 को घोषित किया गया था।
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उससे पहले पीसीएस-जे परीक्षा-2022 का परिणाम करीब सात महीने में घोषित किया गया था। पीसीएस-जे की प्रारंभिक परीक्षा 12 फरवरी 2023 को हुई थी और अंतिम चयन परिणाम 30 अगस्त 2023 को घोषित किया गया था। पीसीएस 2022 का परिणाम भी करीब दस महीने में जारी किया गया था।