प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: Meta AI)
Career in Drone Technology: ड्रोन तकनीक तेजी से आगे बढ़ रही है और यह एयरोस्पेस, कृषि, निर्माण और मीडिया सहित विभिन्न उद्योगों में कई करियर के अवसर प्रदान करती हैं। इसमें करियर के लिए तकनीकी कौशल, रचनात्मकता और तकनीकी प्रगति के साथ जुड़े रहना बेहद जरूरी है। ड्रोन कंप्यूटर से संचालित होते हैं। देश में विभिन्न प्रकार के ड्रोन मौजूद हैं, जैसे कि फिक्स्ड विंग, मल्टीरोटर, सिंगल- रोटर हेलीकॉप्टर, वीटीओएल, ड्रोन इन ए बॉक्स और ऑटोनॉमस ड्रोन प्रत्येक का एक सटीक कार्य होता है और इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है।
ड्रोन तकनीक पर ध्यान केंद्रित करने वाले विशेष पाठ्यक्रम अधिक व्यापक रूप से उपलब्ध हो रहे हैं। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, विश्वविद्यालय और कॉलेज ऐसे कोर्सेज की पेशकश करते हैं, जो मानव रहित हवाई प्रणाली (यूएएस), रोबोटिक्स और स्वचालन के कौशल सिखाते हैं। इस तरह के विशेष प्रशिक्षण से ड्रोन डिजाइन, फ्लाइट डायनेमिक्स, सेंसर और अन्य आवश्यक तकनीकों के साथ व्यावहारिक अनुभव मिल सकता है।
संबंधित कोर्स में दाखिला लेने के लिए न्यूनतम योग्यता कक्षा 10वीं पास है और न्यूनतम आयु 18 वर्ष है। छोटे और मध्यम पायलट प्रशिक्षण दो प्रकार के होते हैं। ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के अलावा, ऐसे लोगों के लिए प्रशिक्षक पायलट प्रशिक्षण भी है, जो ड्रोन के माध्यम से अपना करियर बनाने में एक कदम आगे बढ़ना चाहते हैं। इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता स्नातक है।
अभ्यर्थी का संबंधित क्षेत्रों में एक मजबूत आधार होना जरूरी है। इस क्षेत्र में भूमिकाओं के लिए इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान या संबंधित तकनीकी अनुशासन में ज्ञान की आवश्यकता होती है। इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, रोबोटिक्स या सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में डिग्री एक मजबूत आधार प्रदान करती है।
ये डिग्री आपको ड्रोन को प्रभावी ढंग से बनाने और संचालित करने के लिए आवश्यक यांत्रिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रोग्रामिंग के बारे में सिखाती हैं। इसके अलावा, इसमें वायुगतिकी, उड़ान यांत्रिकी और नेविगेशन सिद्धांतों की समझ शामिल है, ताकि सुरक्षित और कुशल संचालन सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही, जीपीएस तकनीक और हवाई क्षेत्र प्रबंधन से परिचित होना विमानन नियमों के साथ नियंत्रण और अनुपालन को बढ़ाता है।
प्रोग्रामिंग कौशल इसमें प्रोग्रामिंग कौशल महत्वपूर्ण है। कोडिंग भाषाओं और सॉफ्टवेयर विकास का ज्ञान पेशेवरों को ड्रोन संचालन को सक्षम करने, अभिनव अनुप्रयोग बनाने और उभरती हुई तकनीकों के साथ ड्रोन को सहजता से एकीकृत करने में सक्षम बनाता है। वाणिज्यिक ड्रोन क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए प्रमाणन और लाइसेंस की अक्सर आवश्यकता होती है।
खासकर यदि आप पेशेवर रूप से ड्रोन संचालित करने की योजना बनाते हैं। कई देशों में वाणिज्यिक ड्रोन ऑपरेटरों को सुरक्षा और विनियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रमाणन प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
ड्रोन उद्योग को अक्सर अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए पेशेवरों को विभिन्न ड्रोन मॉडल, विशिष्ट क्षमताओं और तकनीकी मुद्दों को हल करने के लिए समस्या समाधान कौशल से परिचित होना चाहिए। ड्रोन विशेषज्ञों के लिए वैमानिकी का गहन ज्ञान आवश्यक है। क्योंकि उनके महत्त्वपूर्ण कार्य मानचित्रण, निगरानी, फोटोग्राफी, डिलीवरी करना आदि हैं। ड्रोन की बढ़ती आवश्यकता ने ड्रोन पायलट बनने के लिए एक नया करियर अवसर खोल दिया है।
ड्रोन पायलट- हवाई फोटोग्राफी, सर्वेक्षण, मानचित्रण और निरीक्षण जैसे वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए ड्रोन का संचालन करना। यह सीधे ड्रोन संचालन में रुचि रखने वालों के लिए सबसे आम करियर है।
ड्रोन इंजीनियर- इसमें ड्रोन को डिजाइन और विकसित करना शामिल है, जिसमें उन्हें संचालित करने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सिस्टम शामिल हैं। यह करियर पथ इंजीनियरिंग और रोबोटिक्स में पृष्ठभूमि के लिए उपयुक्त है।
ड्रोन डाटा विश्लेषक- कृषि, निर्माण और पर्यावरण निगरानी जैसे उद्योगों के लिए डाटा की व्याख्या करने के लिए डाटा विश्लेषकों की आवश्यकता होती है।
तकनीशियन- किसी भी अन्य तकनीक की तरह ड्रोन को भी रख-रखाव और मरम्मत की आवश्यकता होती है। इसमें ड्रोन की समस्या का निवारण और उसे ठीक करना शामिल है।
अनुसंधान और विकास (R and D)- ड्रोन तकनीक में नवाचारों को महत्व दिया जाता है। उन्नत डिग्री या मजबूत शोध पृष्ठभूमि वाले लोग ड्रोन क्षेत्र में आर एंड डी भूमिकाएं अपना सकते हैं।
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