सुप्रीम कोर्ट (फोटो- सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्क: जेईई एडवांस 2025 में प्रयासों की संख्या को बढ़ाकर कम करने के मामले में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने आदेश दिया कि 5 नवंबर से 18 नवंबर 2024 के बीच कॉलेज छोड़ने वाले छात्रों को संयुक्त प्रवेश बोर्ड की प्रारंभिक अधिसूचना के अनुसार तीन बार जेईई एडवांस देने की अनुमति दी जाएगी। याचिका 22 छात्रों की ओर से दायर की गई थी. संयुक्त प्रवेश बोर्ड ने 5 नवंबर को घोषणा की थी कि वर्ष 2023, 2024 और 2025 में ग्रेजुएशन करने वाले छात्र परीक्षा देने के पात्र होंगे।
हालांकि, सिर्फ 13 दिन बाद पात्रता को घटाकर केवल 2024 और 2025 बैच के छात्रों तक सीमित कर दिया गया। जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने कहा कि इस अवधि के दौरान कुछ छात्रों ने यह सोचकर अपना कोर्स छोड़ दिया था कि वे परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे और अब इस बात से इनकार करके उनके साथ पक्षपात नहीं किया जा सकता है। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था कि उन्होंने 2023 में अपनी कक्षा 12वीं की परीक्षा पास कर ली थी और पहले से ही इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिला ले लिया था लेकिन जेईई एडवांस्ड 2025 की तैयारी तब शुरू की जब उपलब्ध प्रयासों की संख्या 2 से बढ़ाकर 3 कर दी गई।
यूजी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट 2025 पर ताजा अपडेट आया है। खुद केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस बारे में बात की. उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि एनईईटी यूजी 2025 का पैटर्न नया होगा। इस परीक्षा में कुछ जरूरी बदलाव किए जा रहे हैं जिन्हें इसी बार से लागू करने की तैयारी है। इसी के साथ प्रधान ने यह भी कहा कि ये बदलाव ऐसे नहीं होंगे जिससे स्टूडेंट्स को झटका लगे।
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नीट के मुद्दे पर बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऐसे समझिए कि जेईई एक कम्प्यूटर बेस्ड टेस्ट है जिसमें करीब 15 लाख बच्चे शामिल होते हैं लेकिन नीट यूजी में यही संख्या 25 लाख तक चली जाती है। जब सवाल इतने सारे बच्चों का हो तो हम अचानक कोई ऐसा ट्रांसफॉर्मेशन नहीं कर सकते जो झटका देने वाला हो। बच्चों के मामले में हमें सचेत रहने की जरूरत है। उनके नजरिए से भी देखने की जरूरत है।