जेईई मेन परीक्षा 2025 (फोटो-सोशल मीडिया)
नवभारत डेस्कः भारत में हर साल करोड़ों बच्चे 12वीं परीक्षा पास करते हैं। ज्यादातर छात्रों का इंजीनियरिंग उसके बाद मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने का लक्ष्य लेकर आगे की पढ़ाई शुरु करते हैं। बता दें कि 12वीं के बाद बिना करियर गाइडेंस और अपनी क्षमता बिना छात्र गलत विकल्प का चयन कर लेते हैं। ऐसे में आज हम इंजीनियर बनने का ख्वाब पा
ले छात्रों को भारत की टॉप IIT में एडमिशन का प्रोसेस बताएंगे। इसके साथ ही इसके अगले अंक में इंजीनियरिंग और मेडिलकर में करियर की संभावनाओं को विस्तार से बताएंगे। हालांकि दोनों ही करियर के अच्छे विकल्प हैं।
भारत के टॉप इंजीनियरिंग के सबसे बेहतर संस्थान IIT को माना जाता है। बता दें भारत में कुल 23 IIT संस्थान हैं। इसके बाद इंजीनियरिंग के लिए बढ़िया MIT को माना जाता है। इन दोनों संस्थानों में एडमिशन पाने वाले छात्रों का करियर ब्राइट माना जाता है।
IIT में एडमिशन का प्रोसेस
हर साल की तरह इस वर्ष भी 12 वीं की परीक्ष पास कर लाखों छात्र वर्ष 2025 की JEE main परीक्षा में बैठेंगे। इस परीक्षा में पास छात्रों में से टॉप ढाई लाख को JEE एडवांस की परीक्षा देने का मौका मिलेगा। इस परीक्षा की अच्छी रैंक से पास करने वाले छात्रों को देश के टॉप IIT में ए़डमिशन मिलता है। जिसमें आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी खड़गपुर आदी आईआईटी के संस्थान शामिल हैं। वहीं बता दें कि टॉप रैंकरों के पास ऑप्शन होते हैं कि देश की 23 IIT संस्थानों में से वह किस संस्थान में एडमिशन मिलता है। वहीं जिन छात्रों को IIT में एडमिशन नहीं मिलता है उनको MIT की तरफ रुख करना पड़ता है।
जेईई की परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। यह परीक्षा एक साल में 2 बार होती है। ऐसे में कई छात्रों को परेशानी होती है किस परीक्षा में वह भाग लें और किसमें लें। छात्रों के मन में तमाम सवाल रहते हैं। ऐसे में हम पूरे प्रोसेस के बारे में बता रहे हैं।
हर साल दो बार होती है जईई मेन की परीक्षा
JEE Main की परीक्षा साल में दो बार होती है। पीक कोविड के दौरान जेईई मेन परीक्षा साल में 4 बार हुई थी। वैसे आमतौर पर इस परीक्षा का आयोजन जनवरी के आखिरी हफ्ते से फरवरी के पहले हफ्ते के बीच होता है। वहीं जेईई मेन का दूसरा सेशन अप्रैल में आयोजित किया जाता है। जेईई मेन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने के बाद डेट्स पता चल जाएंगी। जेईई मेन परीक्षा के दोनों सेशन के लिए अलग-अलग रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है।
बेस्ट सेशन के आधार तय की जाती है रैंक
बता दें कि एक छात्र जेईई मेन की दोनों परीक्षाओं में भाग ले सकता है। एक छात्र कई बार इस परीक्षा में भाग ले सकता है, हालांकि उम्र और शैक्षिक योग्यता को वह पूरा करता हो। यदि कोई ऐसा छात्र जिसके जेईई मेन के पहले सेशन में कम अंक आए हैं तो उसे दूसरे सेशन में परीक्षा देने का मौका मिलता है। इसके अलावा दोनों सेशन में से छात्र के जिस सेशन में नंबर ज्यादा रहेंगे उसी को ध्यान में रखकर उसकी रैंक जारी की जाएगी। यदि छात्र को दूसरे सेशन की परीक्षा देने के बाद लगता है कि उसका पहला सेशन ठीक है तो पहला सेशन चुन सकता है।