इंजीनियरिंग कोर्स को लेकर एआईसीटीई की पहल, अब हिन्दी और अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी होगी पढ़ाई
करिअर डेस्क: आप भी इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं लेकिन अंग्रेजी से डर लगता है। कोई बात नहीं अब इंजीनियरिंग करने के लिए भाषा कभी भी बाधा नहीं बनेगी। यदि आप हिन्दी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना चाहते हैं तो यह भी संभव होगा। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) की इस पहल से आपको इंजीनियरिंग करने के लिए अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान होना जरूरी नहीं है। आप हिन्दी मीडियम में भी इसकी पढ़ाई कर सकेंगे।
भारत में इंजीनियरिंग को लेकर यह बड़ी शुरुआत की जा रही है। देश भर के कई हिन्दी मीडियम के छात्र-छात्राएं अंग्रेजी में कमजोर होने के कारण इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं करती हैं। ऐसे में एआईसीटीई की ओर से यह पाठ्यक्रम उनकी अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा जिससे वह तकनीकी क्षेत्र में भाषा के कारण पीछे न रह जाएं।
इन भाषाओं में होंगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई
AICTE के चेयरमैन प्रो. टीजी सीताराम ने बताया कि परिषद की यह पहल विद्यार्थियों के लिए फायदेमंद होगा। उन्होंने बताया कि कुल 12 भारतीय भाषाओं में अब देश में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो सकेगी। इनमें हिन्दी, तमिल, तेलुगु, मराठी, बंगाली, पंजाबी, उर्दू, कन्नड़, मलयालम, ओड़िया, गुजराती और असमिया जैसी प्रमुख भाषाएं शामिल हैं। यह भी बताया कि वर्ष 2026 तक सभी इंजीनियरिंग डिप्लोमा और डिग्री कोर्स के लिए किताबें उपलब्ध कराने को लेकर तेजी से काम चल रहा है।
600 इंजीनियरिंग कॉलेजों का ग्रान्ट पूरा
परिषद के मुताबिक अब तक पहले और दूसरे वर्ष के लिए 600 इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए इंजीनियरिंग की किताबों का ग्रान्ट पूरी भी हो चुका है। सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर साइंस जैसे कई सब्जेक्ट्स को इन किताबों में शामिल किया गया है। जल्द ही अब हिन्दी या अपनी मनचाही भाषा में विद्यार्थी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकेंगे।
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अपनी भाषा में विषय समझने में होगी आसानी
इंजीनियरिंग की पढ़ाई अपनी क्षेत्रीय भाषा में करने से विद्यार्थियों को काफी मदद मिलेगी। जिन लोगों को अंग्रेजी में दिक्कत होती है वह हिन्दी या अन्य भाषा में इंजीनियरिंग कर तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगे। इसके साथ ही पढ़ाई के दौरान उन्हें विषयों को समझने में आसानी होगी। इससे पढ़ाई के दौरान उनका कॉन्सेप्ट भी क्लियर हो सकेगा। AICTE इस कार्य के लिए AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता ले रहा है।