वर्ल्ड सेविंग्स डे, (कॉन्सेप्ट फोटो)
World Savings Day 2025: हर साल 30 अक्टूबर को ‘वर्ल्ड सेविंग्स डे’ मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को बचत के महत्व के प्रति जागरूक करना और उन्हें जिम्मेदार वित्तीय योजना की ओर प्रेरित करना है। तेजी से बदलती अर्थव्यवस्था और बढ़ती महंगाई के दौर में बचत केवल एक आदत नहीं, बल्कि एक आवश्यक जीवनशैली बन गई है। इसी को ध्यान में रखते हुए विश्व बचत दिवस मनाया जाता है। इस दिन युवाओं और हर वर्ग के लोगों को बचत को लेकर जागरूक करने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम भी किए जाते हैं।
विश्व बचत दिवस की शुरुआत साल 1924 में इटली के मिलान शहर में हुई थी, जब अंतरराष्ट्रीय बचत बैंक कांग्रेस (International Savings Bank Congress) के दौरान इस दिन को मनाने का प्रस्ताव रखा गया। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में वित्तीय अनुशासन और भविष्य की सुरक्षा के लिए धन संचय की संस्कृति को बढ़ावा देना था। भारत में पहली बार यह दिवस 1948 में मनाया गया था।
आज की दुनिया में आर्थिक अनिश्चितता, नौकरी की अस्थिरता और आकस्मिक खर्चों के बीच बचत एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि हर व्यक्ति को अपनी आय का कम से कम 20% हिस्सा बचत के रूप में अलग रखना चाहिए। यह रकम न केवल आपातकालीन जरूरतों में सहारा बनती है, बल्कि दीर्घकालिक लक्ष्यों- जैसे घर, शिक्षा या रिटायरमेंट को पूरा करने में भी मदद करती है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की घरेलू बचत दर 29.5% रही, जो पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ी कम है। डिजिटल बैंकिंग, निवेश विकल्पों और सरकारी योजनाओं के चलते लोगों में बचत के तरीकों में विविधता आई है। पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC), सुकन्या समृद्धि योजना, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम्स और म्यूचुअल फंड SIPs जैसे विकल्प अब आम लोगों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं।
युवाओं में डिजिटल सेविंग्स का चलन तेजी से बढ़ा है। UPI, पेमेंट वॉलेट्स और ऑनलाइन निवेश प्लेटफॉर्म्स के आने से अब बचत और निवेश पहले से कहीं अधिक आसान और पारदर्शी हो गए हैं। डिजिटल फिनटेक कंपनियां अब लोगों को अपने खर्च और बचत का ट्रैक रखने के स्मार्ट तरीके भी उपलब्ध करा रही हैं।
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वर्ल्ड सेविंग्स डे 2025 की थीम ‘Your Future Starts With Saving’ रखी गई है। यानी “आपका भविष्य बचत से शुरू होता है”। यह संदेश युवाओं को लक्षित करता है ताकि वे कम उम्र से ही आर्थिक अनुशासन अपनाएं और जिम्मेदार निवेश की ओर कदम बढ़ाएं। वर्ल्ड सेविंग्स डे हमें याद दिलाता है कि आर्थिक सुरक्षा किसी संयोग से नहीं, बल्कि सुविचारित बचत से बनती है। आज के दौर में हर व्यक्ति को अपनी आय, खर्च और बचत का सही संतुलन बनाना चाहिए। चाहे रकम छोटी हो या बड़ी, हर बचत भविष्य की मजबूत नींव रखती है।