वर्ल्ड बैंक (सौ. डिजाइन फोटो )
वाशिंगटन : वर्ल्ड बैंक ने हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर भविष्यवाणी की है। मंगलवार को ग्लोबल अनिश्चितताओं के चलते एक्सपोर्ट पर बने प्रेशर के बाद भी आने वाले वित्त वर्ष के लिए भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान 6.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। साथ ही इंडियन इकोनॉमी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली मुख्य अर्थव्यवस्था बना रहेगा।
वर्ल्ड बैंक ने अप्रैल में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था, जो जनवरी में 6.7 प्रतिशत था। वर्ल्ड बैंक की ताजा ग्लोबल इकोनॉमिकल संभावना रिपोर्ट के अनुसार बढ़े हुए ट्रेड स्ट्रेस और नीति अनिश्चितता के कारण इस साल ग्लोबल ग्रोथ में गिरावट आने की उम्मीद है, जो साल 2008 के बाद से सबसे धीमी स्पीड हो सकती है।
ग्लोबल ग्रोथ के साल 2025 में 2.3 प्रतिशत तक धीमा करने का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस उथल-पुथल के कारण सभी सेक्टरों और इनकम ग्रुप में लगभग 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्थाओं में ग्रोथ पूर्वानुमान में कटौती की गई है।
इसमें भारत के बारे में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि धीमी हो गई, जो आंशिक रूप से इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन ग्रोथ में नरमी को दर्शाती है। हालांकि, मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस एक्टिविटीज में ग्रोथ स्थिर रही और ग्रामीण क्षेत्रों में लचीली डिमांड के कारण एग्रीकल्चर प्रोडक्शन में सुधार हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3 प्रतिशत की दर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने का अनुमान है।
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वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि के पूर्वानुमान को जनवरी के अनुमानों की तुलना में 0.4 प्रतिशत घटा दिया गया है, क्योंकि प्रमुख ट्रेड पार्टनरशिप में कमजोर गतिविधि और बढ़ती ग्लोबल ट्रेड बाधाओं के कारण एक्सपोर्ट में कमी आयी है। वर्ल्ड बैंक को उम्मीद है कि चीन की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट साल 2025 में 4.5 प्रतिशत और अगले साल 4 प्रतिशत तक रहेगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)