प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली: भारत में इनकम टैक्स रिटर्न को लेकर कई अलग-अलग धारणाएं हैं। लोगों के मन में यह सवाल होता है कि आईटी रिटर्न फाइल करना क्यों जरूरी होता है। फाइनेंशियल एडवाइजर अक्सर उन लोगों को भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की सुझाव देते हैं जो टैक्स सिस्टम के अंदर नहीं आते हैं। क्या आपके मन में भी कुछ ऐसा ही सवाल है? तो आज हम आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के ऐसे 10 फायदें के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जानने के बाद यदि आप भी टैक्स सिस्टम के अंदर नहीं आते हैं फिर भी आईटीआर फाइल करना नहीं भुलेंगे।
सरकार के द्वारा हर साल बजट में इनकम टैक्स की स्लैब का भी ऐलान होता है। इसलिए जो लोग आयकर विभाग के अंतर्गत टैक्स देने योग्य कैटेगरी में आते हैं, उन्हें रिटर्न दाखिल करना जरूरी होता है। यदि ऐसे लोग इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ आयकर विभाग द्वारा एक्शन ली जा सकती है और उन्हें परेशानी की सामना करना पड़ सकता है।
कई बार वित्त वर्ष के दौरान ज्यादा टैक्स की कटौती कर ली जाती है। उदाहरण के लिए किसी कंपनी द्वारा कर्मचारियों की सैलरी क्रेडिट करते समय टीडीएस काट लेना। यदि आपने अपनी इनकम के अनुसार टैक्स दायित्व से ज्यादा टैक्स का भुगतान कर दिया है तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद जो भी अधिकर चार्ज होता हौ उसके रिफंड के रूप में प्राप्त किया जा सकता है।
बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न आपके वित्तीय रिकॉर्ड को रखने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही भविष्य में कभी आईटीआर जांच होती है तो उसमें भी यह आपका बचाव कर सकता है।
यदि आप वीजा के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो उसके लिए इनकम टैक्स रिटर्न काम आ सकता है। कई देशों के दूतावास में भी पिछले दो से तीन साल के आईटीआर की रसीदों की मांग की जाती है। इसके आधार पर वित्तीय स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की जाती है।
यदि आप भविष्य में किसी भी प्रकार के लोन लेना चाहते हैं तो भी आपके लिए आईटीआर मांगा जा सकता है। इसके जरिये वित्तीय संस्थानों के द्वारा यह देखा जाता है कि आवेदक की वित्तीय स्थिति कैसी है। वह टैक्स पे करता है या नहीं। लोन लेने के लिए भी कम से कम दो तीन साल के आईटीआर की मांग की जा सकती है।
आप समय पर आईटीआर फाइल करके अपने क्रेडिट स्कोर को भी मजबूत कर सकते हैं। इससे यह प्रदर्शित होता है कि आप एक जिम्मेदार टैक्सपेयर हैं।
कई बार बड़ी बीमा पॉलिसी लेते समय भी इनकम टैक्स रिटर्न की जानकारियां मांगी जा सकती है। इसके अलावा म्यूचुअल फंड, शेयर बाजार आदि में निवेश करने के लिए भी आईटीआर की आवश्यकता पड़ सकती है।
यदि आपको अपने बिजनेस में पूंजीगत लाभ होता है तो भी आईटीआर दाखिल किया जा सकता है। इससे नुकसान को आगे लिए समायोजित किया जा सकता है।
कई बार सरकारी योजना और सब्सिडी का लाभ लेने के लिए भी इनकम टैक्स रिटर्न की आवश्यकता हो सकती है।
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कई बार बड़ी बिजनेस डील, बिजनेस लोन, टेंडर हासिल के लिए भी आईटीआर की जरूरत पड़ सकती है।