जीएसटी स्लैब (सौ. सोशल मीडिया )
GST Slabs: जीएसटी में मौजूद 4 स्लैब में जल्द ही बदलाव होने वाला है। केंद्र सरकार 4 स्लैब की जगह पर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के 2 स्लैब का प्रस्ताव लाने वाली है।
सरकार की ओर से ये साफ किया गया है कि जीएसटी दरों के रिवल्यूएशन को लेकर पिछले 3 साल से काम जारी है। इसका मुख्य उद्देश्य आम लोगों को राहत देना है। 2 स्लैब लागू होने के बाद खाद्य पदार्थों और डेली नीड्स के सामानों के दाम कम हो जाएगे और आम लोगों पर पड़ने वाला खर्च का बोझ भी कम हो जाएगा।
2 स्लैब के प्रस्ताव को लेकर पहले से ही मंत्रियों के ग्रुप यानी जीओएम गठित है। जिसमें जीओएम अध्यक्ष का बदलाव होते रहता हैं, लेकिन जीओएम द्वारा दरों को तर्कसंगत बनाने की दिशा में नियमित रुप से काम किया जा रहा है, इसीलिए जीएसटी स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव कोई तुरंत लिया हुआ फैसला नहीं है। प्रस्ताव सामने लाने से पहले रेवेन्यू कलेक्शन, उसमें आने वाली कमी, टैक्स दरों में बदलाव के बाद आम आदमी को मिलने वाली राहत और इकोनॉमी के नजरिए से आकलन किया गया है।
केंद्र सरकार का मानना है कि मुख्य तौर पर इस बदलाव का प्रस्ताव गरीब, मिडिल क्लास और माइक्रो, स्मॉल एंड मिडियम इंडस्ट्री यानी एमएसएमई को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इसके अंतर्गत डेली लाइफ में उपयोग में आने वाली चीजों की कीमतें कम होगी।
साथ ही लोगों के लिए इलाज करवाना भी सस्ता हो जाएगा, क्योंकि कई तरह के मेडिकल इक्वीप्मेंट, पहले से ही सस्ते हो जाएंगे, जो वर्तमान समय में 28 प्रतिशत के स्लैब में शामिल हैं। वे आने वाले समय में 18 प्रतिशत और 5 प्रतिशत के स्लैब में आ जाएंगे। आपको बता दें कि आम आदमी की जरूरत से जुड़ी 99 प्रतिशत वस्तुएं 12 की जगह 5 प्रतिशत के दायरे में आ जाएगी। इससे आम जनता की खरीदारी की क्षमता में भी बढ़त होगी।
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जीएसटी रजिस्ट्रेशन, रिटर्न और रिफंड की प्रोसेस पहले से आसान होने के बाद इंडस्ट्री को जबरदस्त फायदा होगा, जिससे इंडियन इकोनॉमी को रफ्तार मिलेगी। एमएसएमई की देश की आर्थिक विकास में अहम भूमिका है। मौजूदा जीएसटी प्रोसेस में कई लेवल पर दिक्कतें आयी हैं, जिन्हें दूर करने के लिए रूल्स प्रोसेस को सरल करने का प्रस्ताव है। इससे देश में बिजनेस और इंडस्ट्री लगाने का वातावरण पहले के मुकाबले ज्यादा बेहतर होगा। खास तौर पर एमएसएमई के लिए जीएसटी की पूरी प्रोसेस आसान होगी।