अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ फिर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया (फोटो- सोशल मीडिया)
US-China Trade War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा व्यापारिक कदम उठाते हुए सभी चीनी आयातों पर 100% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह फैसला 1 नवंबर, 2025 से लागू होगा, लेकिन ट्रंप ने चेतावनी दी है कि चीन की किसी भी जवाबी कार्रवाई पर इसे पहले भी लागू किया जा सकता है। इस ऐलान के बाद दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध एक नए और खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है, जिससे वैश्विक बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
ट्रंप ने यह कड़ा फैसला चीन द्वारा दुर्लभ खनिजों (रेयर अर्थ मिनरल्स) के निर्यात पर लगाए गए सख्त प्रतिबंधों के जवाब में लिया है। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने चीन के इस कदम को “अभूतपूर्व आक्रामकता” और “नैतिक अपराध” बताया। उन्होंने कहा कि चीन दुनिया को बंधक बनाने की कोशिश कर रहा है। 100% टैरिफ के अलावा, ट्रंप ने अमेरिका में बने सभी महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर के चीन को निर्यात पर भी सख्त नियंत्रण लगाने का ऐलान किया है, जो चीन के तकनीकी क्षेत्र के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।
ट्रंप के ऐलान के कुछ ही मिनटों के भीतर दुनिया भर के शेयर बाजारों में सुनामी आ गई। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर डाउ जोन्स इंडेक्स में 2.5 प्रतिशत की भारी गिरावट आई, जबकि नैस्डैक 3 प्रतिशत से ज्यादा टूट गया। इसका असर एशियाई बाजारों पर भी दिखा, जहां हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स 4 प्रतिशत तक लुढ़क गया। विश्लेषकों का मानना है कि इस फैसले से अमेरिकी उपभोक्ताओं पर महंगाई का बोझ बढ़ेगा, क्योंकि चीन से आने वाले इलेक्ट्रॉनिक्स, खिलौने और अन्य उपकरण बहुत महंगे हो जाएंगे। वेल्स फारगो इकोनॉमिक्स के अनुसार, यह नया शुल्क मौजूदा 40% की प्रभावी टैरिफ दर को दोगुना से भी अधिक कर देगा।
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इस व्यापारिक तनाव का असर दोनों देशों के कूटनीतिक रिश्तों पर भी पड़ा है। ट्रंप ने पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ दक्षिण कोरिया में होने वाली आगामी बैठक को रद्द करने की धमकी दी थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने रुख में थोड़ी नरमी दिखाते हुए कहा, “हम देखेंगे कि क्या होता है,” जिससे बैठक को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है। बीजिंग ने कभी भी आधिकारिक तौर पर इस बैठक की पुष्टि नहीं की थी। अब पूरी दुनिया की नजरें चीन के अगले कदम पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि यह व्यापार युद्ध आगे क्या मोड़ लेता है।