दूरसंचार कंपनियों का कुल राजस्व सितंबर तिमाही में 10.5 प्रतिशत बढ़ा
नई दिल्ली: टेलीकॉम कंपनियों का कुल रेवेन्यू सालाना आधार पर सितंबर, 2024 को समाप्त तिमाही में 10.5 प्रतिशत बढ़कर 91,426 करोड़ रुपये रहा है। यह वह अवधि है, जब मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर्स ने शुल्क दरें बढ़ाई थीं। दूरसंचार नियामक ट्राई की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की कंपनियों प्रदर्शन के बारे में संकेत देने वाली तिमाही रिपोर्ट के अनुसार, एडजस्ट ग्रोस रेवेन्यू 13.11 प्रतिशत बढ़कर 75,310 करोड़ रुपये रहा। एक साल पहले इसी तिमाही में यह 66,583 करोड़ रुपये था। एडजस्ट ग्रोस रेवेन्यू पर सरकार अपने शुल्क की गणना करती है।
निजी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया ने अपनी मोबाइल सेवाओं की दरों में 11-25 प्रतिशत की वृद्धि की है। शुल्क दर में वृद्धि के बाद कंपनियों ने प्रति ग्राहक औसत कमाई (एआरपीयू) में वृद्धि दर्ज की है। हालांकि, इससे कंपनियों ने ग्राहक भी गंवाये। रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल सेवाओं के लिए मासिक एपीआरयू सितंबर तिमाही में 9.60 प्रतिशत बढ़कर 172.57 रुपये हो गया, जो जून तिमाही में 157.45 रुपये था।
सितंबर तिमाही में प्री-पेड कनेक्शन के लिए एआरपीयू सितंबर तिमाही में 171 रुपये और पोस्ट-पेड सेक्शन में 190.67 रुपये था। मोबाइल ग्राहकों की संख्या तिमाही आधार पर जुलाई-सितंबर, 2024 में 1.68 करोड़ घटकर 115.37 करोड़ रही, जो जून तिमाही में 117 करोड़ थी। सितंबर तिमाही के दौरान भारती एयरटेल का समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) सालाना आधार पर 24.15 प्रतिशत बढ़कर 24,632.84 करोड़ रुपये रहा, जबकि रिलायंस जियो का एजीआर 14.19 प्रतिशत बढ़कर 27,652.68 करोड़ रुपये रहा। 0वोडाफोन आइडिया का एजीआर 4.39 प्रतिशत बढ़कर 7,836.98 करोड़ रुपये और बीएसएनएल का 1.54 प्रतिशत बढ़कर 1,996.77 करोड़ रुपये हो गया।
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सार्वजनिक क्षेत्र की और कर्ज में डूबी एमटीएनएल का राजस्व तिमाही के दौरान 9.41 प्रतिशत घटकर 152.81 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 168.69 करोड़ रुपये था। सितंबर तिमाही के दौरान लाइसेंस शुल्क के रूप में सरकार का संग्रह 13.09 प्रतिशत बढ़कर 6,023 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 5,326 करोड़ रुपये था। सरकार द्वारा एकत्रित स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क सालाना आधार पर 13.07 प्रतिशत बढ़कर 946 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 836 करोड़ रुपये था।